भारत जल्द ही लॉन्च करेगा दो बड़े मिशन, पढ़े डिटेल
अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में आज पूरी दुनिया भारत का लोहा मानती है। हर साल ISRO दुसरे देशों के भी उपग्रह लॉन्च करता है। अब ISRO सूर्य के बारे में जानकारी जुटाने के लिए बड़े अभइयान की तैयारी कर रहा है। इसके अलावा चांद का मिशन पूरा करने के लिए चंद्रयान-3 की भी तैयारी चल रही है। 108वीं साइंस कांग्रेस में प्लेनरी सेशन के दौरान अंतरिक्ष में भारत की क्षमता और आगे की योजना पर बात की गई। इस सेशन की अध्यक्षता ISRO चेयरमैन एस सोमनाथ कर रहे थे।
फिजिकल रिसर्च लैबोरेटरी डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस के डायरेक्टर अनिल भारद्वाज ने भारत के प्लैनेटरी मिशन की बात करते हुए कहा कि 1963 से ही भारत ने अंतरिक्ष में अपना अभियान शुरू कर दिया था। सबसे पहले थुंबा से रॉकेट लॉन्च की गई थी। चार दशक के बाद भारत ने 2008 में चंद्रयान -1 मिशन शुरू किया। इसके बाद अगला था मंगलयान। इसे 2013 में लॉन्च किया गया था जो कि 2014 में मंगल पर पहुंचा था। अब चंद्रयान-2 अभियान चल रहा है। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-1 का ऑर्बिटर अब भी अच्छी तरह से काम कर रहा है औऱ हमें बहुत महत्वपूर्ण जानकारी भेज रहा है।
भारत लॉन्च करेगा आदित्य – L1
सूर्य का अध्ययन करने के लिए अगले साल भारत आदित्य-L1 लॉन्च करेगा। इसके अलावा चंद्रयान-3 लैंडर रोवर मिशन भी लॉन्च किया जाएगा। इसके अलावा भविष्य के लिए अन्य प्लैनेटरी अभियानों की भी तैयारी हो रही है। इसरो के साइंटफिक सेक्रटरी शांतनु भाटवडेकर ने कहा, अंतरिक्ष विज्ञान और तकनीक मानवता के विकास के लिए होती है। इसका उद्देश्य मानव जीवन को बेहतर बनाना होता है। भारत के पहले एक्सपेरिमेंटल अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटलाइट भास्कर (1979) के बाद से भारत ने कई सैटलाइट मिशन लॉन्च कर चुका है।
उन्होंने कहा, भारत कई पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहा है। जंगल काटे जा रहे हैं, मिट्टी प्रदषित हो रही है. जैव विविधता खतरे में है और नदियां कम हो रही हैं। इसलिए सैटलाइट डेटा का इस्तेमाल पर्यावरण संरक्षण के लिए किया जा रहा है। जलवायु परिवर्तन मानवता के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। ग्लेशियर रिट्रीट और समुद्री जलस्तर में बदलाव का अध्य्ययन भी सैटलाइट मिशन के जरिए किया जा रहा है।