विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर भारत
10 में से छह भारतीयों का मानना है कि अगले पांच वर्ष में भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और कम से पांच नए क्षेत्रों में ग्लोबल मैन्यूफैक्चरिंग हब के तौर पर उभरेगा। तभी तो आधे से अधिक देशवासियों को उम्मीद है कि भारत अगले कुछ वर्षों में बड़ी उपलब्धियां हासिल करेगा। पांच वर्ष में भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
देश की तेजी से हो रही चहुंमुखी तरक्की और केंद्र सरकार की निर्णायक नीतियों पर देशवासियों को इतना भरोसा है कि वे कल के भारत की सुनहरी तस्वीर का अक्स अपने दिलोदिमाग में बसा चुके हैं। तभी तो आधे से अधिक देशवासियों को उम्मीद है कि भारत अगले कुछ वर्षों में बड़ी उपलब्धियां हासिल करेगा।
भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा
10 में से छह भारतीयों का मानना है कि अगले पांच वर्ष में भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और कम से पांच नए क्षेत्रों में ग्लोबल मैन्यूफैक्चरिंग हब के तौर पर उभरेगा। लोकल सर्कल्स द्वारा किए गए पीआरसीएआइ भारत की बात सर्वे 2024 के अनुसार 45 प्रतिशत देशवासियों को लगता है कि भारत ऊंची आर्थिक विकास दर हासिल करते हुए एक करोड़ नई नौकरियां और रोजगार के अवसरों का सृजन करने के साथ अपना निर्यात दोगुना करने में भी कामयाब होगा।
भारत लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र में सुधारों की मांग कर रहा है
भारत लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र में सुधारों की मांग कर रहा है और उसका कहना है कि उसे सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता मिलनी चाहिए। सर्वे के अनुसार 10 में से आठ भारतीयों को मानना है कि भारत अगले पांच वर्ष में संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता हासिल कर सकता है।
भारत विश्व में अपने राजनयिकों के नेटवर्क का विस्तार करके पूरी दुनिया में अपने हितों को मजबूती के साथ आगे बढ़ाएगा। इससे वैश्विक स्तर पर उसका भू राजनीतिक प्रभाव बढ़ेगा और वैश्विक मामलों में ज्यादा अहम भूमिका निभाएगा। केंद्र सरकार आर्थिक विकास की रफ्तार बढ़ाने, लोगों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास पर फोकस कर रही है।
एक्सेस कंट्रोल्ड हाईवे का नेटवर्क 15,000 किलोमीटर
वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में पूंजीगत खर्च के मद में करीब 11 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। सर्वे में शामिल 10 में से आठ भारतीय मानते हैं कि देश में आधुनिक सड़कों की कनेक्टिविटी का विस्तार होगा और एक्सेस कंट्रोल्ड हाईवे का नेटवर्क 15,000 किलोमीटर तक पहुंच जाएगा। वर्तमान समय में यह नेटवर्क 6,000 किलोमीटर का है। रोजगार और इंडस्ट्री की जरूरतों को पूरा करने की क्षमता के सवाल पर 10 में से छह भारतीयों का कहना था कि भारत कम से कम 20 लाख युवाओं को तकनीकी कौशल से लैस कर सकेगा। इससे युवा रोजगार हासिल करने के साथ अपनी आय को बढ़ाने में सक्षम होंगे।
दो में से एक नागरिक इस बात को लेकर आशावादी नजरिया रखते हैं कि इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश के जरिये 50 लाख प्रत्यक्ष नौकरियों का सृजन होगा। गुणवत्तापूर्ण और उचित कीमतों में स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता नागरिकों की एक बड़ी चिंता है। 10 में से छह भारतीयों को उम्मीद है कि अगले पांच वर्षों में देश के हर जिलों में जन औषधि केंद्र के जरिये सस्ती दवाएं उपलब्ध होंगी।
भूमि के रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण
इसके अलावा स्वास्थ्य सुविधाओं के इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार होगा, जिससे लोगों को बेहतर गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। दो में एक देशवासी का मानना है कि आने वाले वर्षों में हम संपत्ति और भूमि के रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण कर लेंगे और पाइप गैस के नेटवर्क का पांच गुना विस्तार होगा। इससे लोगों की जिंदगी आसान होगी।
सर्वे भारत के 386 जिलों में किया गया है और इसमें 1,80,000 नागरिकों के जवाब को शामिल किया गया है। आर्थिक वृद्धि और समृद्धि 59 प्रतिशत भारतीय मानते हैं विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा भारत पांच सेक्टरों में ग्लोबल मैन्यूफैक्चरिंग हब के तौर पर उभरेगा देश भू राजनीतिक प्रभाव 57 प्रतिशत भारतीयों को उम्मीद है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता हासिल करके वैश्विक मामलों में अहम भूमिका निभाएगा इंफ्रास्ट्रक्चर 77 प्रतिशत भारतीयों को लगता है कि देश में एक्सेस कंट्रोल्ड हाईवे का नेटवर्क 15,000 किलोमीटर तक पहुंच जाएगा कौशल और रोजगार 61 प्रतिशत भारतीयों को उम्मीद है कि अगले पांच वर्ष में कम से कम 20 लाख युवाओं को तकनीकी कौशल से लैस किया जाएगा।
रोजगार हासिल करने की क्षमता बढ़ाने के लिए स्किल प्रोग्राम तैयार
इससे उनको रोजगार हासिल करने में मदद मिलेगी। 60 प्रतिशत भारतीयों को लगता है कि भारत इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश से 50 लाख प्रत्यक्ष नौकरियों का सृजन कर सकेगा। शिक्षा 56 प्रतिशत नागरिकों को लगता है कि भारत की भविष्य की इंडस्ट्री की जरूरतों को पूरा करने के लिए स्कूल के पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव करेगा।50 प्रतिशत भारतीयों का मानना है कि भारत कॉलेज स्नातकों की रोजगार हासिल करने की क्षमता बढ़ाने के लिए स्किल प्रोग्राम तैयार कर सकेगा।