‘पिछले दशक में भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली वैश्विक अर्थव्यवस्था रहा’, उपराष्ट्रपति बोले
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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भारतीय अर्थव्यस्था को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने रविवार को कहा कि देश ने पिछले एक दशक में तेज आर्थिक वृद्धि दर्ज की है। इस दौरान यह सबसे तेजी आगे बढ़ने वाली वैश्विक अर्थव्यवस्था बन गया है। उपराष्ट्रपति ने यहां भारतीय विचार केंद्र द्वारा आयोजित चौथे ‘पी. परमेश्वरन स्मृति व्याख्यान’ में कहा कि 1989 में जब वह सांसद थे और 1991 में जब वह केंद्रीय मंत्री थे, तब माहौल हमें प्रेरित नहीं करता था।
भारत ने पिछले एक दशक में तेजी से आर्थिक उछाल देखा
संसद के उच्च सदन यानी राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘अब हमारा भारत सकारात्मकता और संभावनाओं से भरा हुआ है। यह आशा और आकांक्षाओं से भरा है। हर तरफ और हर जगह हम आशा और संभावनाओं का पारिस्थितिकी तंत्र देख सकते हैं। भारत ने पिछले एक दशक में तेजी से आर्थिक उछाल देखा है।’
चार हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की राह पर भारत
उन्होंने कहा कि देश पांचवीं सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था है और बहुत जल्द चार हजार अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की राह पर अग्रसर है। उन्होंने कहा, ‘भारत आठ प्रतिशत की औसत वृद्धि के साथ पिछले एक दशक में सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली वैश्विक अर्थव्यवस्था है।’
न्यायपालिका के गलत इस्तेमाल को लेकर चिंता जताई थी
इससे पहले कर्नाटक के हावेरी जिले के रानेबेन्नूर में आयोजित कर्नाटक वैभव साहित्य और सांस्कृतिक महोत्सव के उद्घाटन कार्यक्रम में धनखड़ ने कहा था कि विभाजनकारी ताकतें अलग-अलग तरीकों से काम करती हैं। उन्होंने नए रास्ते अपनाए हैं और कई मुद्दों पर आप देखेंगे कि वे न्यायपालिका की ओर रुख कर रहे हैं।
दरअसल, उपराष्ट्रपति धनखड़ ने न्यायपालिका के गलत इस्तेमाल को लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था कि हाल के वर्षों में न्यायपालिका तक पहुंच के अधिकार को एक हथियार के तौर इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसा किसी अन्य देश में नहीं हो रहा है। उन्होंने चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने को लेकर भी राय रखी थी। उपराष्ट्रपति ने कहा था कि दुनिया के सबसे पुराने, सबसे मजबूत, सबसे प्रगतिशील और सबसे जीवंत लोकतंत्र वाले देश की चुनावी प्रक्रिया को गलत तरीके से प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है।