उज्जैन में अधेड़ महिला से खुलेआम दुष्कर्म, शराब पिलाई फिर सड़क पर ही लूटी अस्मत

उज्जैन को शर्मसार करने का मामला सामने आया है। गुरुवार शाम से सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें एक युवक अधेड़ महिला के साथ दुष्कर्म करता दिखाई दे रहा है। इस वीडियो के वायरल होते ही पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए महिला के बयान लिए, मेडिकल करवाया और BNS की धारा 64 व धारा 353 में प्रकरण दर्ज करते हुए आरोपी को आधे घंटे में गिरफ्तार कर लिया और न्यायालय में पेश कर उसे जेल भी भेज दिया। इस पूरे घटनाक्रम को घटित हुए लगभग 18 घंटे बीतने के बाद अब इस मामले में बवाल मचा हुआ है, क्योंकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस मामले में ट्वीट पर राज्य सरकार पर तीखा निशाना साधा है। 

इन दिनों शहर में आगर रोड कोयला फाटक क्षेत्र के पास एक अधेड़ महिला के साथ दुष्कर्म का वीडियो वायरल हो रहा है। जिसे कोतवाली थाना पुलिस कल ही संज्ञान में ले चुकी है। यह वीडियो चिमनगंज थाना क्षेत्र के पास रहने वाली 45 वर्षीय महिला का बताया जा रहा है जो कि कचरा बीनकर अपना गुजर बसर करती है। इस वीडियो को देखने के बाद पुलिस ने तत्काल महिला के साथ हुए घटनाक्रम को जाना उसके बयान लिए और मेडिकल भी करवाया। महिला ने पुलिस को बताया कि आरोपी लोकेश पिता ओंकारलाल लहेरिया निवासी राजीव नगर आगर रोड (22) ने उसे शादी का झांसा देकर शराब पिलाई और उसके बाद दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। जब उसने विरोध किया तो उसे जान से मारने की धमकी भी दी गई थी। 

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के ट्वीट से मच रहा बवाल
इस मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने ब्लू वीडियो शेयर कर राज्य सरकार पर निशाना साधा है उन्होंने अपने ट्वीट पर लिखा है कि धर्मनगरी उज्जैन एक बार फिर कलंकित हुई है ! इस बार भी काला टीका उज्जैन की कानून-व्यवस्था के माथे पर ही लगा है ! यह सोचकर ही स्तब्ध हुआ जा सकता है कि मध्यप्रदेश में अब दिनदहाड़े, खुली सड़क पर दुष्कर्म शुरू हो गए हैं। ऐसा तभी संभव है जब कानून और सरकार का असर पूरी तरह से खत्म हो जाए ! यदि मुख्यमंत्री के गृह नगर के यह हाल हैं, तो बाकी प्रदेश के हालात आसानी से समझ जा सकते हैं. दलित और आदिवासी महिलाओं के साथ लगातार हो रहे अत्याचार को भी महसूस किया जा सकता है! अब गृहमंत्री या मुख्यमंत्री नहीं, प्रदेश सरकार के एक-एक मंत्री से सवाल है ! शर्म से डूब मरो या कुर्सी छोड़ दो !
बेशर्मी से भरी इस निर्लज्ज व्यवस्था के खून में आखिर उबाल कब आएगा..? 

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