इस तरह प्राप्त करें माता जानकी का आशीर्वाद, मिलेगा मनोवांछित फल

हिंदू धर्म में सीता नवमी के पर्व का अधिक महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर भगवान राजा जनक और रानी सुनयना की पुत्री सीता का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन को हर साल सीता नवमी के रूप में बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस बार सीता नवमी 16 मई को मनाई जाएगी। सीता नवमी पर भगवान श्री राम और मां सीता की पूजा की जाती है। माना जाता है कि सीता नवमी पर पूजा करने से जातक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। पूजा के दौरान जानकी स्तुति का पाठ अवश्य करना चाहिए। इससे जातक के जीवन में सदैव में सुख-समृद्धि बनी रहेगी और मनोवांछित फल मिलेगा।

श्री जानकी स्तुति
जानकि त्वां नमस्यामि सर्वपापप्रणाशिनीम्।

जानकि त्वां नमस्यामि सर्वपापप्रणाशिनीम्।।1।।

दारिद्र्यरणसंहर्त्रीं भक्तानाभिष्टदायिनीम्।

विदेहराजतनयां राघवानन्दकारिणीम्।।2।।

भूमेर्दुहितरं विद्यां नमामि प्रकृतिं शिवाम्।

पौलस्त्यैश्वर्यसंहत्रीं भक्ताभीष्टां सरस्वतीम्।।3।।

पतिव्रताधुरीणां त्वां नमामि जनकात्मजाम्।

अनुग्रहपरामृद्धिमनघां हरिवल्लभाम्।।4।।

आत्मविद्यां त्रयीरूपामुमारूपां नमाम्यहम्।

प्रसादाभिमुखीं लक्ष्मीं क्षीराब्धितनयां शुभाम्।।5।।

नमामि चन्द्रभगिनीं सीतां सर्वाङ्गसुन्दरीम्।

नमामि धर्मनिलयां करुणां वेदमातरम्।।6।।

पद्मालयां पद्महस्तां विष्णुवक्ष:स्थलालयाम्।

नमामि चन्द्रनिलयां सीतां चन्द्रनिभाननाम्।।7।।

आह्लादरूपिणीं सिद्धिं शिवां शिवकरीं सतीम्।

नमामि विश्वजननीं रामचन्द्रेष्टवल्लभाम्।

सीतां सर्वानवद्याङ्गीं भजामि सततं हृदा।।8।।

सीता नवमी 2024 शुभ मुहूर्त

वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 16 मई को सुबह 06 बजकर 22 मिनट पर शुरू होगी और 17 मई को सुबह 08 बजकर 48 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में सीता नवमी का पर्व 16 मई को मनाया जाएगा।

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