इस मजेदार तरीके से घर बैठे कम सकते हैं लाखों रुपयें, घरेलू महिलाओं में बढ़ रहा इसका क्रेज

। सामान छोटा हो या बड़ा। कीमती हो या साधारण, मगर उसकी पैकेजिंग आकर्षक होनी चाहिए। मामला यहां दिखने-दिखाने का है। अगर गिफ्ट की पैकेजिंग अच्छी है, तो उसकी तरफ ध्यान हर किसी का जाता है। पहले लोग पैकेजिंग पर ज्यादा जोर नहीं देते थे, मगर अब लोगों की सोच बदल चुकी है। कुछ लोग तो कस्टमाइज पैकेजिंग भी करवाने लगे हैं। छोटे शहरों में भी लोग शादियों या अन्य छोटे-छोटे आयोजनों के लिए सामान की पैकेजिंग करवाने लगे हैं।भले ही आज की जीवनशैली अधिक व्यस्त हो गई हो। लोग एक-दूसरे को समय नहीं दे पा रहे हों, लेकिन उनके बीच शिष्टाचार की कमी नहीं आई है। कम-से-कम इस संदर्भ में कि वे अलग-अलग मौकों पर एक-दूसरे को ‘विश’ करना नहीं भूलते, साथ ही अपने दोस्त या रिश्तेदारों को कोई उपहार देना नहीं भूलते। तोहफों की पैकिंग के लिए बदली लोगों की सोच ने बाजार में गिफ्ट पैकिंग का एक नया कॉन्सेप्ट शुरू कर दिया है। इसी सोच के साथ उन महिलाओं के लिए भी एक नया रास्ता खुला है, जो घर बैठे अपनी रचनात्मकता से कुछ कमाना चाहती हैं। शौक ही नहीं, अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए गिफ्ट पैकिंग का काम अब उनके लिए आय का साधन भी बन गया है।
मुंबई की नेहा जैन कहती हैं, “सामान जैसा भी हो, पैकेजिंग से उसकी खूबसूरती तो बढ़ ही जाती है। जिस तरह से एक अच्छी सजावट खाने को और भी अधिक लाजवाब बना देती है, ठीक वैसे ही किसी भी उपहार को उसकी पैकेजिंग खास बना देती है। आज लोग इस बात को समझने लगे हैं। किसी भी चीज को पेश करने का तरीका अब बदल रहा है। पहले की तुलना में जहां सिर्फ चमकीले कागजों से गिफ्ट पैकिंग हो जाती थी, वहीं आज लेस, फूल, टोकरियों, रंग-बिरंगे रिबन, चटख रंग के कपड़ों के अलावा क्रिस्टल और फूल पत्तियों की मदद से उपहार को खूबसूरत अंदाज दिया जा रहा है।
नेहा ने कहा, ‘जब मैंने इस काम को शुरू किया था, तब मुझे ज्यादा लाभ नहीं मिल रहता था, लेकिन जैसे-जैसे लोगों को मेरी रचनात्मकता के बारे में पता चलता गया, तो मेरी गिफ्ट पैकिंग भी फेमस हो गई। आज मैं शादियों, अलग-अलग इवेंट्स और बच्चों के जन्मदिन के लिए रिटर्न गिफ्ट्स भी पैक करती हूं। मुझे इस काम में मजा भी आने लगा है। हमेशा मैं इंटरनेट या यूट्यूब से पैकेजिंग से संबंधित नई-नई जानकारियां लेती रहती हूं। इससे बदलते ट्रेंड की जानकारी मिलती रहती है।’
नई दिल्ली शाहदरा की काजल पढ़ाई के साथ-साथ गिफ्ट पैकिंग का भी काम कर रही हैं। वह कहती हैं, “सगाई हो या शादी। वर और वधु, दोनों पक्ष एक-दूसरे को कुछ-न-कुछ देते हैं। ऐसे में हर कोई चाहता है कि उनका गिफ्ट आकर्षक दिखे। यही कारण है कि आज यह काम एक प्रोफेशन बनता जा रहा है। मार्केट में गिफ्ट पैकिंग करने वालों की मांग बढ़ती जा रही है। मैं इस काम से कुछ महीने पहले ही जुड़ी हूं। ड्राई फ्रूट्स के डिब्बे की पैकिंग, टोकरियों की पैकिंग, साथ ही त्योहार, जन्मदिन पर दिए जाने वाले कार्ड भी बनाती हूं। इससे मैं अपनी रचनात्मकता को लोगों के सामने तो रखती ही हूं, साथ ही अपने लिए कुछ कमाई भी कर लेती हूं।”
ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स की पैकेजिंग करने वाली शिल्पा गोयल कहती हैं, “सबसे पहले मैंने अपनी एक दोस्त के यहां दिवाली गिफ्ट्स की पैकिंग का कार्य किया था, जिसे दोस्तों ने खूब सराहा और वही मेरी जिंदगी का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ। वहीं से आइडिया मिला और मैं पैकेजिंग के काम से जुड़ गई। मैंने ऑर्गेनिक सोप्स और उनकी पैकेजिंग का कार्य शुरू किया। मुझे यह काम करते हुए लगभग दो साल हो गए हैं। दिवाली, होली या अन्य पारिवारिक आयोजनों के लिए मैं अलग-अलग पैकिंग तैयार करती हूं। इसमें ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स को आकर्षक तरीके से सजाती हूं ताकि गिफ्ट भेजने वाले और इसे पाने वाले दोनों को ही संतुष्टि मिले। अच्छा लगता है, जब लोग मेरे काम की सराहना करते हैं। “
दिल्ली की निक्की गुप्ता बताती हैं, “आर्ट एंड क्राफ्ट मेरी हॉबी थी, जिसे मैंने अपना प्रोफेशन बना लिया है। आज मैं काफी अच्छे स्तर पर ये काम कर रही हूं। मेरे पास बहुत से अभिभावक और छात्र आते हैं जिन्हें मेरा काम बहुत पसंद आता है। इससे मुझे आगे बढ़ने का और अधिक साहस मिलता है। पैकेजिंग का काम भले ही सीजनल हो, मगर आर्ट एंड क्राफ्ट का काम कभी कम नहीं होता है। स्कूल में बच्चों को कुछ-न-कुछ प्रोजेक्ट मिलते ही रहते हैं। बच्चों के प्रोजेक्ट्स और कार्ड्स मेकिंग का काम मैं करती रहती हूं। प्रोजेक्ट के हिसाब से चार्जेज भी अलग-अलग हैं।”
कविता नागपाल का दिल्ली में केक, बिस्किट्स और चॉकलेट्स का बिजनेस है। कविता कहती हैं, “एक समय था जब किसी भी चीज में दिखावा नहीं होता था। लेकिन आज जो दिखता है, वही बिकता है का चलन जोरों पर है। गिफ्ट चाहे जैसा भी हो, उसकी पैकिंग खूबसूरती से की गई हो तो गिफ्ट का मोल और भी अधिक बढ़ जाता है। कुकीज का बिजनेस करते हुए मैंने इस बात को महसूस किया है। मुझे इस काम को करते हुए 8-10 साल हो गए हैं।
पहले मैं पैकिंग पर खास ध्यान नहीं देती थीं, मगर अब ऐसा नहीं है। चॉकलेट्स, कुकीज, केक आदि लोगों में ज्यादा पसंद किए जाते हैं। उन्हें सुंदर दिखाने के लिए बॉक्स, टोकरियों, कागज के ट्रांसपेरेंट बैग्स में पैक किया जाता है, ताकि लोग इसकी तरफ आकर्षित हों। अगर किसी को कुकीज आदि उपहार में देने हैं, तो वे सबसे पहले पैकिंग देखते हैं। इसलिए मेरी कोशिश होती है कि हमेशा कुछ नया करूं। शादी में आए मेहमानों को दी जाने वाली मिठाई की जगह बिस्किट, नमकीन, कोल्ड ड्रिंक आदि को बहुत ही खूबसूरती से पैकिंग करके भेंट किया जा रहा है। इसलिए ट्रेंड और मांग के हिसाब से मैं पैकिंग का तरीका बदलती रहती हूं। पैकिंग का आइडिया मेरा होता है। नए-नए तरीके ईजाद करती रहती हूं।”
पैकेजिंग का काम करने के लिए कोई बड़ा सेटअप करने की जरूरत नहीं है। गिफ्ट पैकिंग का काम घर में या छोटी-सी जगह में इसलिए हो जाता है, क्योंकि इस काम के लिए बस कुछ छोटे-मोटे सामान ही चाहिए। इसके साथ आपको बदलते ट्रेंड के हिसाब से अपडेट रहने की भी जरूरत होती है, ताकि लोगों को हर बार कुछ नया दे सकें। एक बात और, इस काम के लिए बहुत बड़ी रकम की जरूरत नहीं होती है। इसे छोटे स्तर पर शुरू करने के लिए दस से पंद्रह हजार की जरूरत पड़ती है। जैसे-जैसे आपका काम बढ़ता जाएगा, उसके हिसाब से आप इसमें विस्तार दे सकती हैं।
पैकेजिंग का काम करने के लिए कोई बड़ा सेटअप करने की जरूरत नहीं है। गिफ्ट पैकिंग का काम घर में या छोटी-सी जगह में इसलिए हो जाता है, क्योंकि इस काम के लिए बस कुछ छोटे-मोटे सामान ही चाहिए। इसके साथ आपको बदलते ट्रेंड के हिसाब से अपडेट रहने की भी जरूरत होती है, ताकि लोगों को हर बार कुछ नया दे सकें। एक बात और, इस काम के लिए बहुत बड़ी रकम की जरूरत नहीं होती है। इसे छोटे स्तर पर शुरू करने के लिए दस से पंद्रह हजार की जरूरत पड़ती है। जैसे-जैसे आपका काम बढ़ता जाएगा, उसके हिसाब से आप इसमें विस्तार दे सकती हैं।
गिफ्ट ही नहीं, क्राफ्ट मेकिंग का यदि आप काम जानती हैं, तो बच्चों के स्कूल में मिलने वाले क्राफ्ट्स वर्क या अन्य प्रोजेक्ट्स के लिए मॉडल्स बनाने का काम कर सकती हैं। ज्यादातर पेरेंट्स ये काम ऐसे लोगों को दे देते हैं, जो पैसे लेकर क्राफ्ट आदि बनाने का काम करते हैं। अगर यह हुनर आपके अंदर है, तो इसे आप आमदनी का जरिया बना सकती हैं। गिफ्ट पैकेजिंग में आमदनी आपके ऑर्डर्स पर निर्भर करेगी। आपको मार्केट से जितने ज्यादा ऑर्डर मिलेंगे, आमदनी भी उतनी ही अधिक होगी। वैसे औसतन एक आदमी कम पूंजी लगाकर पांच से दस हजार रुपये प्रति माह तक कमा सकता है।
अगर काम बड़े स्तर पर किया है, तो पंद्रह से बीस हजार रुपये तक कमाए जा सकते हैं। गिफ्ट पैकिंग और आर्ट एंड क्राफ्ट के प्रचार के लिए अपनी वेबसाइट या सोशल मीडिया का सहारा ले सकती हैं। इसमें आपको गिफ्ट पैकिंग से सजी वस्तुएं और बच्चों के तरह-तरह के प्रोजेक्टस की फोटो अपलोड करते रहना होगा। तभी ज्यादा-से-ज्यादा लोग आप तक पहुंच सकेंगे और आप अपना व्यवसाय बढ़ा सकेंगी।





