चमोली के पगनो गांव में बारिश का तांडव, घरों में घुसा पानी व गाद

उत्तराखंड के चमोली में बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। दरअसल, बीते गुरुवार की रात हुई भारी बारिश ने पगनो गांव में जमकर तबाही मचाई। इस भारी आपदा के कारण गांव का कोई भी वासिंदा पूरी रात सो नहीं सका। वहीं पहाड़ी से आते बोल्डर, पानी व गाद ने लोगों के घरों में घुसकर पूरी रात उन्हें डराया। ऐसी स्थिति में अधिकांश लोग पूरी रात घरों को छोड़कर बारिश में बाहर ही भटकते दिखाई दिए।

दरअसल, जनपद चमोली के जोशीमठ विकासखंड के पगनो  गांव की पहाड़ी पिछले डेढ़ साल से दरक रही है। वहीं बारिश होते ही पहाड़ी से भारी मात्रा में पानी का गदेरा और गाद का बहकर गांव में आने का सिलसिला जारी है। बीते गुरुवार रात को बरसाती पानी ने ऐसा तांडव मचाया कि गांव के सभी संपर्क मार्ग टूट गए हैं व चारों ओर कीचड़ एवं गाद फैल गई है। इसी के साथ ही गांव के 42 परिवार खतरे की जद में आ गए हैं। वहीं गांव की लगभग 100 नाली से अधिक खेती व उसमें उगी फसल तक नष्ट हो गई है। सूत्रों की मानें तो पगनो गांव से कुछ दूरी पर स्थित कमेडा नामक पहाड़ी में लगभग डेढ वर्ष पहले भूस्खलन शुरू हुआ था। डेढ वर्ष से पूरा गांव डर के साए में जीने के लिए मजबूर है लेकिन इतना समय बीत जाने के बावजूद अभी तक न तो गांव का विस्थापन हो पाया है, न ही पहाड़ से नीचे आ रहे मलबे की सुरक्षा का कार्य शुरू हुआ है।

वहीं प्रशासन द्वारा अभी तक ग्रामीणों के लिए व्यवस्था के नाम पर दूर धार तोक नामक स्थान में स्थित पंचायत घर में रहने की व्यवस्था की गई है। साथ ही वहां पर मात्र 5 टेंट लगाए गए हैं। वहीं इस आपदा की मार झेल रहे लोगों में तकरीबन 8 से अधिक परिवारों ने अपने घर सुरक्षा के दृष्टिगत से छोड़ दिए हैं। 

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