भारत के इतिहास में सबसे महंगे दाम पर पहुंचा डीजल

देश के इतिहास में डीजल अब तक के सबसे ऊंचे दाम पर पहुंच गया है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि और डीजल की कीमत को सरकारी नियंत्रण से मुक्त किए जाने की वजह से इस ईंधन में आग लगी है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 74 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गया है, जो चार साल का सबसे उच्च स्तर है. गुरुवार को भी डीजल 4 पैसा प्रति लीटर महंगा हो गया. पट्रोल की कीमत भी 55 माह के उच्च स्तर पर पहुंच गई है.
शुक्रवार को देश के प्रमुख चार शहरों में रही ये कीमत
दिल्ली : पेट्रोल- 74.08, डीजल 65.31 रुपए प्रति लीटर
मुंबई : पेट्रोल- 81.93, डीजल 69.54 रुपए प्रति लीटर
कोलकाता :पेट्रोल- 76.78 , डीजल 68.01 रुपए प्रति लीटर
चेन्नई : पेट्रोल : 76.85, डीजल 68.90 रुपए प्रति लीटर
मुंबई में गुरुवार को पेट्रोल की कीमत 81.92 प्रति लीटर रही. पेट्रोल की ये कीमत सितंबर 2013 से सबसे ज्यादा है. उस समय मुंबई में पेट्रोल का भाव 83.62 रुपए था. मुंंबई में गुरुवार डीजल का भाव 69.50 रुपए प्रति लीटर हो गया. इसकी कीमत 14 सितंबर 2013 से ज्यादा है. उस समय 69.50 रुपए प्रति लीटर था.
दिल्ली में डीजल अब तक सबसे महंगा
शुक्रवार को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 74.08 रुपए प्रति लीटर रही. राजधानी में डीजल अब तक सबसे महंगा 65.31 रुपए प्रति लीटर बिका. राजधानी में पेट्रोल 70 रुपए के पार एक जुलाई 2013 को हुआ था. उस समय पेट्रोल 71.56 रुपए प्रति लीटर से बढ़कर 73.60 हो गया था.
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कीमतों में इसलिए आया उछाल
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में ये उछाल वैश्विक स्तर पर क्रूड ऑयल की कीमत बढ़ने से हुई है. क्रूड ऑयल की कीमत 74.74 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई. ये कीमतें 27 नवंबर 2014 से ज्यादा हैं. ओपेक देशों ने जब तेल की कीमतों को लेकर प्राइस वार शुरू किया था तो महज एक साल में ही क्रूड के भाव में 30 डॉलर की कमी आ गई थी.
और बढ़ सकता है क्रूड ऑयल का भाव
अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में सरकार पेट्रोल-डीजल ग्राहकों को कितनी राहत पहुंचाती है, क्योंकि आने वाले दिनों में वैश्विक स्तर पर क्रूड ऑयल के भाव बढ़ने की संभावना है. इसके चलते तेल में लगने वाली एक्साइज को कम करने के लिए मांग उठेगी. देखना होगा कि केंद्र सरकार अब कितने लंबे जनता के गुस्से की अनदेखी करती रहेगी. खासतौर पर जब कर्नाटक चुनाव सामने आ चुका हैं.
पहले ये था भाव तय करने का सिस्टम
पहले हर पखवाड़े पेट्रोल की कीमतें बदलती थी, लेकिन 16 जून से हर दिन पेट्रोल-डीजल की नई कीमत तय होती है, इससे जैसे ही वैश्विक स्तर पर तेल के भावों में परिवर्तन होता है, वैसे ही वर्तमान में लागू सिस्टम से ग्राहकों पर सीधे असर पड़ता है. जबकि पुराने सिस्टम में ग्राहक पर असर कुछ दिन बाद होता था.
अलग-अलग राज्यों में दामों में काफी अंतर
ये भी एक खास बात है कि पूरे देश के अलग-अलग राज्यों में पेट्रोल-डीजल के दामों में काफी अंतर है, क्योंकि राज्य सरकारें अपने हिसाब से अलग-अलग दर पर टैक्स लगाती हैं. तेल के कीमतों में भाव बढ़ने की वजह ये भी है कि लगभग सभी राज्यों ने पहले के मुकाबले पेट्रोल-डीजल पर एक साल में टैक्स बढ़ा दिए हैं.
केंद सरकार बढ़ा चुकी एक्साइज ड्यूटी
केंद सरकार नवंबर 2014 से पेट्रोल पर 11.7 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 13.47 रुपए प्रति लीटर बढ़ा एक्साइज ड्यूटी चुकी है. ये भी खास बात है कि सरकार जनवरी 2016 से वैश्विक स्तर पर आई तेल की कीमत में कमी से मुनाफा कमा रही है. अगर तेल की कीमतें आगे भी लगातार बढ़ती रहीं तो ग्राहक की मांग बढ़ेग कि तेल पर लगाए गए टैक्स में कटौती की जाए.
महंगी कीमत चुका रहा ग्राहक
ग्राहक अगस्त 2017 से लगातार महंगे पेट्रोल-डीजल के लिए कीमतें चुका रहे हैं. इसी समय से वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतें बढ़ना शुरू हो गई थीं. 3 अक्टूबर 2017 तक लोगों की बढ़ती नाराजगी को देखकर सरकार को एक्साइज ड्यूटी में प्रति लीटर 2 रुपए कम करना पड़ी थी. उस समय दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 7.80 प्रति लीटर और डीजल का भाव 5.70 रुपए दिल्ली में बढ़ गया था. ये दिल्ली में तेल में सबसे बढ़ी बढ़ोत्तरी थी.