तेलंगाना सुरंग हादसे में बचाव अभियान जारी, रोबोट की मदद लेने का निर्देश; सुरंग के अंदर पानी-मिट्टी

 तेलंगाना के सिंचाई मंत्री एन उत्तम कुमार रेड्डी ने अधिकारियों को आंशिक रूप से ढही श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) सुरंग के अंदर बचाव कार्य में रोबोट की मदद लेने का निर्देश दिया। हादसे के बाद बचाव अभियान जारी है।

तेलंगाना के सिंचाई मंत्री बचाव अभियान की समीक्षा करने पहुंचे

क्षतिग्रस्त टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) के टुकड़े बचाव कर्मियों के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं। इसी को देखते हुए सिंचाई मंत्री ने ये निर्देश दिए। सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने के बाद 22 फरवरी से आठ लोग इसमें फंसे हुए हैं। मंत्री ने सुरंग स्थल का दौरा कर जारी बचाव अभियान की समीक्षा की।

रोबोट की मदद लेने का निर्देश

उन्होंने कहा कि सरकार हैदराबाद स्थित एक निजी कंपनी के रोबोट विशेषज्ञों की सेवाओं का उपयोग कर बचाव कार्य में चार करोड़ रुपये खर्च करेगी। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि चूंकि विशाल टीबीएम के टुकड़े सुरंग के अंदर पानी, मिट्टी और पत्थरों में मिल गए हैं, इसलिए वे बचाव दल के लिए खतरा बन गए हैं।

मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने दो मार्च को सुरंग का दौरा किया था। उन्होंने बचाव अभियान का नेतृत्व कर रहे अधिकारियों को सुझाव दिया था कि यदि आवश्यक हो तो सुरंग के अंदर रोबोट का उपयोग किया जाए ताकि बचाव कर्मियों को कोई खतरा नहीं हो।

सरकार बचाव अभियान जारी रखने के लिए कृत संकल्प

सिंचाई मंत्री ने सुरंग ढहने की घटना को राष्ट्रीय आपदा बताते हुए कहा कि सरकार बचाव अभियान जारी रखने के लिए कृत संकल्प है। सुरंग के अंदर टीबीएम क्षतिग्रस्त हो गई थी। बचाव दल फंसे हुए लोगों तक पहुंचने के लिए उसके हिस्सों को काट रहे हैं।

22 फरवरी से इंजीनियर और मजदूरों समेत आठ लोग फंसे

मंत्री ने कहा कि सरकार बचाव कार्य में शामिल श्रमिकों और अधिकारियों के साथ पूरी तरह खड़ी रहेगी। एसएलबीसी परियोजना सुरंग में 22 फरवरी से इंजीनियर और मजदूरों समेत आठ लोग फंसे हुए हैं। एनडीआरएफ, भारतीय सेना, नौसेना तथा अन्य एजेंसियों के विशेषज्ञ उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।

श्वान दस्तों ने की लोगों के फंसे होने के दो स्थानों की पहचान

एसएलबीसी सुरंग के अंदर श्वान दस्तों ने ऐसे दो स्थानों की पहचान की है जहां लोगों के फंसे होने की संभावना हैं। कुत्तों द्वारा पहचाने गए स्थानों से बचाव कर्मी गाद हटाने का कार्य कर रहे हैं। केरल पुलिस का श्वान दस्ता शुक्रवार सुबह इस अभियान में शामिल हुआ। ऐसे कुत्तों को लापता लोगों और शवों को खोजने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।

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