सीरिया में खतरे में पुतिन के सैन्य ठिकाने, रूस को बमबारी करके पुल तोड़ना पड़ा

सीरिया में बशर अल-असद सरकार को मुश्किल में देख ईरान और हिजबुल्ला ने उसकी मदद बढ़ा दी है। ईरान ने मिसाइल, ड्रोन और अन्य हथियार सीरिया भेजे हैं। साथ ही कई सैन्य सलाहकार और अधिकारी भी सीरिया भेजे हैं। ईरान खुफिया सूचनाएं और उपग्रहों से लिए जा रहे फोटो भी सीरिया की सेना को मुहैया करा रहा है।

हिजबुल्ला ने भेजी मदद

लेबनान के सशस्त्र संगठन हिजबुल्ला ने भी सीरिया में सैन्य मदद भेजी है। हफ्ते भर में अलेप्पो और हामा शहरों के हाथ से निकलने और उसके बाद विद्रोहियों के होम्स शहर के लिए कूच करने से असद सरकार की मुश्किल बढ़ गई है।

रूस ने बमबारी से तोड़ा पुल

विद्रोहियों का अगर होम्स पर कब्जा हो गया तो दमिश्क का कई शहरों से सड़क संपर्क कट जाएगा। इससे उन इलाकों के भी हाथ से निकलने का खतरा बढ़ जाएगा। इसी इलाके में रूस की सेना और नौसेना के ठिकाने भी हैं। वैसे रूस ने विद्रोहियों को रोकने के लिए होम्स के रास्ते में पड़ने वाला पुल बमबारी कर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया है।

13 साल बाद सीरिया में विद्रोह

विद्रोहियों के कूच की सूचना मिलने के बाद होम्स शहर के हजारों लोग घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों के लिए रवाना हो गए हैं। 13 वर्षों से अशांति झेल रहे सीरिया में कुछ अरब देशों, अमेरिका और इजरायल समर्थित सशस्त्र गुटों ने असद के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है। जबकि असद के समर्थन में रूस, ईरान और हिजबुल्ला खड़े रहे हैं। मगर यूक्रेन युद्ध और हिजबुल्ला पर इजरायली कार्रवाई ने असद के समर्थन को कमजोर किया है।

जार्डन ने असद का किया समर्थन

इसी मौके का फायदा उठाकर विद्रोहियों ने हफ्ते भर में बड़ा उलटफेर कर दिया है। असद की स्थिति कमजोर पड़ती देख रूस ने अपने नागरिकों को सीरिया छोड़ने के लिए कहा है। पूर्व में अल कायदा से जुड़े संगठन हयात तहरीर अल-शाम ने अबू मुहम्मद अल-गोलानी के नेतृत्व में सीरिया पर 27 नवंबर पर हमले शुरू किए हैं। जार्डन ने असद के समर्थन का एलान किया है और सीरिया से लगने वाली सीमा बंद कर दी है। इससे पहले विद्रोही गुट के लड़ाकों ने सीमा पर फायरिंग की थी।

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