राजस्थान में अब मंत्रिमंडल की कवायद हो चुकी शुरू

राजस्थान में अब मंत्रिमंडल की कवायत शुरू हो चुकी है और मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द हो सकता है । ऐसे में राजस्थान में मंत्रिमंडल के गठन के साथ में 25 मंत्री बनाए गए थे, लेकिन अब भी पांच मंत्री पद खाली पड़े हैं, ऐसे में सबकी नजर है, कि किसको मंत्री बनाया जाएगा ? आप को बता दें कि दावेदार तो कई हैं लेकिन मंत्री पद कम हैं, लेकिन ज्यादातर नजर इस पर है कि किस का मंत्री पद जा सकता है या किसका मंत्री पद हस्तांतरित हो सकता है । माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद कांग्रेस कहीं ना कहीं मजबूत होती हुई दिखाई दे रही हैं । जहां राजस्थान में 25 लोकसभा सीटें हैं उनमें से  11 सीटों पर कांग्रेस ने ग्रैंड ओपनिंग की है, पिछले दो लोकसभा चुनाव में 25 का आंकड़ा छूने वाली भाजपा इस बार हैट्रिक नहीं बना पाई । ऐसे में इस बार कांग्रेस ने 11 सीटें अपने नाम कर सबकों चौंका दिया । ऐसे में कई मौजूदा विधायकों पर तलवार लटकती हुई नजर आ रही है, माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में उनके विधानसभा में जिस तरह की परफॉर्मेंस रही उसे भी रिव्यू किया जाएगा । लेकिन ऐसे कौन से मंत्री है जिनका रिव्यू किया जा सकता है और कौन ऐसे मंत्री है जिन्होंने लोकसभा चुनाव में उनकी विधानसभा में भाजपा पिछड़ते हुए नजर आई । 

भजनलाल सरकार में मंत्रिमंडल गठन के साथ में 25 मंत्री बनाए गए थे, लेकिन उसमें से कुछ ऐसे मंत्री भी है जिनकी लोकसभा चुनाव में उनके विधानसभा में भाजपा पीछे रही । कई विधानसभा ऐसी है जहां भाजपा चुनाव जीत नहीं पाई । जहां लोकसभा चुनाव में भाजपा पीछे रही वहां रिव्यू किया जाएगा कि ऐसे क्या कारण रहे जिससे कि भाजपा पीछे रह गई । सोचने वाली बात यह भी है, इसी को लेकर रिव्यू किया जाएगा । लेकिन ऐसे 6 मंत्री कौन है, जिनका सबसे पहले रिव्यू किया जाएगा । उनमें से पहला नाम हैं किरोड़ी लाल मीणा, जिसके सवाई माधोपुर विधानसभा क्षेत्र पर कांग्रेस ने लीड बनाई है और लगभग 14000 के अंतर से जीत हासिल की है, ऐसे में किरोड़ी लाल मीणा ने इस्तीफे की पेशकश भी की, हालांकि उनका इस्तीफा अभी तक मंजूर नहीं किया गया है । ऐसा माना जा रहा है कि किरोड़ी लाल मीणा की नाराजगी की वजह से उन्हें मंत्री पर दिया गया था,  जब से मीणा को मंत्री बनाया तब से मीणा नाराज चल रहे हैं । साथ ही लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने ऐलान भी कर दिया था, कि अगर उनके सात विधानसभा सीटों से अगर बीजेपी पीछे रहती है तो वह इस्तीफा दे देंगे और हुआ भी कुछ ऐसा ही, वहां बीजेपी जीत नहीं पाई, बीजेपी पीछे रह गई । ऐसे में किरोड़ी लाल मीणा ने आलाकमान को अपना इस्तीफा सौंप दिया । हालांकि उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ, लेकिन जिस तरह से उपचुनाव राजस्थान में जिन सीटों पर होने है । वहां पर किरोड़ी लाल मीणा का अच्छा खासा प्रभाव है । ऐसे में उनकी नाराजगी दूर करने के लिए भाजपा उनका मंत्रालय चेंज कर सकती है । मौजूदा मंत्रालय लेकर उन्हें कुछ अच्छा मंत्रालय दिया जा सकता है । 

दूसरा नाम सुमित गोदारा का आता है वह लूणकरणसर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं । भजनलाल सरकार में मंत्री हैं, लेकिन उनकी विधानसभा से भाजपा लोकसभा चुनाव में करीब ढाई हजार मतों से पिछड़ते हुए नजर आई । ऐसे में उनके मध्य पद पर संकट मंडराया हुआ है । माना जा रहा है कि उनके मंत्री पद को लेकर रिव्यू किया जा सकता है । 

वहीं के.के. विश्नोई बात करें तो विश्नोई भजनलाल सरकार में राज्य मंत्री हैं, जो कि गुडामालानी विधानसभा क्षेत्र से आते हैं । अपने विधानसभा क्षेत्र में विधानसभा चुनाव में अनुसूचित दर्ज की थी । विश्नोई समाज का प्रतिनिधित्व भी करते हैं । लेकिन बाद में जैसलमेर लोकसभा सीट से चर्चित रहे यहां का मुकाबला देखने को मिला । भाजपा यहां पर तीसरे नंबर पर आ गई । उनकी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा 58000 मतों से पीछे रह गई थी, ऐसे में उनके मंत्री पद को लेकर रिव्यू किया जा सकता है और उनका भी मंत्री पद अब संकट में पड़ सकता है । 

साथ ही जवाहर सिंह बेडम की सूची में चौथा नाम हैं, जवाहर सिंह बेडम जिस विधानसभा क्षेत्र से आते हैं । विधानसभा चुनाव में उन्होंने अच्छी जीत दर्ज की, वे भाजपा के पुराने नेता है । लेकिन लोकसभा चुनाव में अपनी विधानसभा में भाजपा को जीत नहीं दिला पाए । लगभग 16000 मतों से भाजपा यहां पर पिछड़ते हुए नजर आई । ऐसे में उनके मंत्री पद को लेकर भी फिर से रिव्यू किया जा सकता है, उनका परफॉर्मेंस लोकसभा चुनाव में अच्छा नहीं रहा है । मंत्री होते हुए भी उनके क्षेत्र से अगर भाजपा पीछे रहती है तो उनके मंत्री पद को लेकर रिव्यू किया जा सकता है । अब देखना ये होगा कि उनका मंत्री पद सुरक्षित रह पाता है या नहीं

जबकि गजेंद्र सिंह खींवसर का इस सूची में पांचवा नाम हैं । गजेंद्र सिंह खींवसर जोधपुर की ही लोहावट विधानसभा क्षेत्र से आते हैं, हालांकि जोधपुर लोकसभा सीट से भाजपा ने जीत दर्ज कर ली ।  लेकिन लोहावट विधानसभा क्षेत्र से चिकित्सा मंत्री खुद आते हैं । उन्होंने विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी लेकिन लोकसभा चुनाव में भाजपा को अपने क्षेत्र में बजट नहीं दिला सके । ऐसे में भाजपा यहां पर लगभग 4000 मतों से चढ़ती हुई नजर आई । ऐसे में उनका मंदिर पत्र सुरक्षित माना जा रहा है, लेकिन हो सकता है कि उनका मंत्रालय परिवर्तित किया जाए । अब देखने वाली बात ये होगी कि उनके मंत्रालय को लेकर किस तरह का रिव्यू किया जाता है ? 

इस सूची में छठा नाम हैं मंजू बाघमार का, जो जायल विधानसभा क्षेत्र से आती है । डॉ. मंजू बाघमार  भजनलाल सरकार मंत्री हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव में विधानसभा चुनाव की तरह कमल नहीं दिखा पाई और अपने क्षेत्र में भाजपा को बजट नहीं दिल पाए । यहां पर कांग्रेस लगभग 10000 से ज्यादा मतों से आगे रही । ऐसे में उनके मंत्री पद को लेकर फिर से रिव्यू किया जा सकता है और उनके मंत्री पद पर अब गाज भी गिर सकती है । अब देखने वाली बात होगी कि इस पर किस तरह का रिव्यू किया जाता है । 

हालांकि भजनलाल सरकार में अभी भी पांच मंत्री पद खाली पड़े हैं, लेकिन अगर कुछ मंत्री से पूर्व मंत्री बनते हैं तो यह संख्या बढ़ सकती है । हालांकि नाम कैसा रहे हैं जिनके मंत्री पद को लेकर रिव्यू किया जा सकता है । लेकिन लोकसभा चुनाव के परिणाम के मध्य नजर रखते हुए एक खास कर 6 नाम है । जिनके मंत्री पद को लेकर रिव्यू किया जा सकता है । अब देखने वाली बात होगी कि मध्य मंडल विस्तार को लेकर किस तरह क्या परिणाम सामने आता है और क्या कुछ सियासी घमासान मचता है ?

Back to top button