राजस्थान में इन 3 शहरों का पारा माइनस पंहुचा, ठंड से बेहाल हो रहे लोग

राजस्थान में दो दिन से पहाड़ों जैसी सर्दी पड़ रही है। प्रदेश के अधिकांश जिले शीतलहर की चपेट में है। तीन शहरों में पारा माइनस में चला गया।  प्रदेश में कुछ स्थानों पर पाला भी पड़ा है। हनुमानगढ़, चूरू, झुंझुनूं और राजधानी जयपुर के साथ अन्य जिलों में भी शीतलहर चली है। प्रदेश के अधिकतर जिलों में आज भी घना कोहरा छाया रहा। जिसके कारण दृश्यता न के बराबर रही। गहन बढ़ने से ठिठुरन का अहसास रहा। प्रदेश के शेखावाटी अंचल में  कड़ाके की सर्दी के बीच खेतों में फसल पर बर्फ भी जम गई। फतेहरपुर में तापमान माइनस 1, चूरू माइनस 0.9 और माउंट आबू में माइनस 1 डिग्री रहा। 

एक ही दिन में पारा 5.1 डिग्री लुढका 

श्रीगंगानगर जिले में पारा लुढ़क गया। मौसम विज्ञान केन्द्र के अनुसार मंगलवार को एक ही दिन ही अधिकतम तापमान 5.1 डिग्री लुढककर 16.1 डिग्री और न्यूनतम तापमान 1.8 डिग्री गिरकर 3.7 डिग्री सेल्सियस रह गया। रात आठ बजते ही धुंध छाने से लोग अपने-अपने घरों में दुबक गए। अत्यधिक सर्दी के चलते बाजार भी जल्दी बंद हो गए।श्रीगंगानगर में कुछ दिन पहले अधिकतम तापमान दस डिग्री सेल्सियस तक गिर गया था। जिसमें बाद में धीरे-धीरे बढ़ोतरी हुई। जिला मुख्यालय पर 29 दिसंबर को न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस था जो मंगलवार को गिरकर 3.7 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है।

फसलों को नुकसान की आशंका

इलाके में शीत लहर चलने से रात का पारा गिरकर 3.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। तापमान चार डिग्री सेल्सियस से नीचे जाने से पाला पडऩे की आशंका पैदा हो गई है। रबी फसलों में फूल आने एवं बालियां-फलियां आने व बनते समय पाला पडऩे की सर्वाधिक संभावनाएं रहती है। अत: इस समय कृषकों को सतर्क रहकर फसलों की सुरक्षा के उपाय अपनाने चाहिए। जिले में 7 लाख 11,769 हैक्टेयर में रबी की फसल है तथा इनमें 3,27,411 हैक्टेयर में सरसों की फसल है। पाले के प्रभाव से पौधों की पत्तियां एवं फूल झुलस कर झड़ जाते हैं तथा अधपके फल सिकुड़ जाते हैं। फलियों एवं बालियों में दाने नहीं बनते और बन रहे दाने सिकुड़ जाते हैं।

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