पंजाब में किसान आंदोलन 2.0, अमृतसर में सुखबीर बादल पर हमला

वर्ष 2024 पंजाब को कई खट्टी मीठी यादें दे गया है। इस साल पंजाब में किसान आंदोलन 2.0 और सुखबीर बादल पर हमला ये दो बड़ी घटनाएं हुई हैं।

पंजाब में वर्ष 2024 में कई बड़ी घटनाएं हुई हैं। इनमें मुख्य किसान आंदोलन 2.0 और अमृतसर स्वर्ण मंदिर में शिअद नेता व पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल पर हमला है। एमएसपी की कानूनी गारंटी, कर्ज माफी समेत कईं मांगों को लेकर किसानों ने पटियाला के शंभू बार्डर पर 13 फरवरी को आंदोलन 2.0 शुरू किया। इसे शुरू हुए आज करीब साढ़े 11 महीने हो चुके हैं। इस दौरान दिल्ली कूच की कोशिश कर रहे किसानों व हरियाणा पुलिस प्रशासन के बीच कईं बार टकराव भी हो चुका है। इसमें एक नौजवान की मौत भी हुई है।

सुप्रीम कोर्ट भी लगातार इस मामले पर अपनी टिप्पणी देने के अलावा पंजाब व केंद्र सरकारों को आदेश जारी कर रही है। इसी महीने दिसंबर में किसानों ने तीन बार शंभू बार्डर के जरिये दिल्ली कूच के लिए रवानगी की। 101 किसानों का मरजीवड़ा जत्था पहले छह तारीख को, फिर आठ को और इसके बाद 14 दिसंबर को दिल्ली कूच के लिए रवाना हुआ। किसानों को रोकने के लिए हरियाणा की तरफ से आंसू गैस के गोलों, वाटर कैनन बगैरा का इस्तेमाल भी किया गया। कईं किसान इस टकराव में घायल भी हुए।

लेकिन अभी भी किसानों के हौंसले बुलंद हैं और हाड कंपा देने वाली इस ठंड में भी किसान शंभू व खन्नौरी बार्डरों पर डटे हैं। किसानों का रूख साफ है कि जब तक मांगें पूरी नहीं होगी, बार्डरों से हटेंगे नहीं। फिर चाहे इसमें कितना ही समय और कितनी ही कुर्बानियां क्यों न देनी पड़ें।

सुखबीर बादल पर आतंकी हमला
पंजाब के अमृतसर में शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल पर चार दिसंबर को आतंकी हमला हुआ था। स्वर्ण मंदिर में उन पर गोली चलाई गई थी। वे श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से दी गई धार्मिक सजा भुगतने श्री हरमंदिर साहिब पहुंचे थे। सुखबीर बादल पर आरोपी नारायण सिंह चौड़ा ने हमला किया था। हमलावर नारायण सिंह चौड़ा बब्बर खालसा इंटरनेशनल का आतंकवादी रहा है। वह 1984 में पाकिस्तान गया था और आतंकवाद के शुरुआती चरण के दौरान पंजाब में हथियारों और विस्फोटकों की बड़ी खेप की तस्करी में मददगार रहा है। पाकिस्तान में रहते हुए उसने कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध और देशद्रोही साहित्य पर एक किताब भी लिखी है। वह बुड़ैल जेलब्रेक मामले में भी आरोपी है। नारायण इससे पहले पंजाब की जेल में सजा काट चुका है।

वर्ष 2024 रहा चुनावी वर्ष, पक्ष-विपक्ष ने लिया सबक
वर्ष 2024 पंजाब के लिए भी चुनावी वर्ष रहा है। सबसे पहले जून माह में लोकसभा चुनाव हुए। उसके बाद जालंधर और फिर चार विधानसभा सीटों डेरा बाबा नानक, चब्बेवाल, बरनाला व गिद्दड़बाहा पर उप चुनाव हुआ। इसके बाद पंचायत और अब दिसंबर माह ही निकाय चुनाव की प्रक्रिया पूरी हुई है। यह चुनाव सत्तापक्ष-विपक्ष दोनों को ही सबक देकर गए हैं। लोकसभा चुनाव में पंजाब की 13 सीटों में से आम आदमी पार्टी सत्ता में होने के बावजूद सिर्फ 3 सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी, जबकि विपक्षी दल कांग्रेस 7 सीटें जीतने में सफल रहा।

इन नतीजों से निराश आप ने सबक लेते हुए विधानसभा चुनाव के उप चुनाव, पंचायत और निकाय चुनाव अच्छा प्रदर्शन किया। विधानसभा उप चुनाव में पहले जालंधर और उसके बाद गिद्दड़बाहा, डेरा बाबा नानक और चब्बेवाल सीट पर पार्टी ने जीत दर्ज की। हालांकि अपने गढ़ बरनाला को आप हार बैठी। इसी तरह कांग्रेस ने भी अपने गढ़ कही जानी वाली डेरा बाबा नानक व गिद्दड़बाहा सीट गंवा ली। सभी चुनावी में भाजपा व शिअद के हाथ निराशा लगी। यही कारण है कि शिअद ने चार सीटों पर उप चुनाव से भी दूरी बना ली। इन नतीजों से सबक लेते हुए अब सभी दलों की निगाह 2027 विधानसभा चुनाव पर है।

बादल से पंथ रत्न फख्र-ए-कौम का खिलाब वापिस लिया
बड़ी पंथक गलतियां करने के लिए अकाली दल बादल के अध्यक्ष सुखबीर सिहं बादल और उनकी सरकार के रहे कैबिनेट मंत्रियों को श्री अकाल तख्त साहिब से पांच सिंह साहिब की ओर धार्मिक सजा सुनाई गई। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से पंथ रत्न फख्र-ए-कौम का खिलाब भी वापिस लिया गया । इस दौरान सुखबीर सिंह बादल और उनके मंत्रियों से संगत के समाने अपने उपर लगे आरोपों को स्वीकार किया।

सदा के लिए बिछुड़ गए डॉ. पातर
पंजाबी के प्रख्यात साहित्यकार, कवि, शायर, सरस्वती सम्मान से सम्मानित पदमश्री डाॅ. सुरजीत पातर वर्ष 2024 में इस संसार को सदा के लिए अलविदा कह गए, लेकिन उनकी शायरी, कविताएं और उनके लेख सदा के लिए लोगों के मन में तरोताजा रहेंगे और समाज को दिशा देते रहेंगे। डाॅ. पातर के जाने से साहित्य जगत को बड़ा नुकसान हुआ। उन्होंने ने 11 मई 2024 को अंतिम सांस ली। उनकी शवयात्रा के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उनकी अर्थी को कंधा दिया।

बुड्ढा दरिया के कायाकल्प के लिए पर्यावरण प्रेमियों ने संभाली कमान
वैसे तो बुड्ढा दरिया के कायाकल्प के लिए 650 करोड़ रुपये की परियोजना पर काम चल रहा है, लेकिन दरिया की स्थिति जस की तस है। यह दरिया पंजाब के मालवा से लेकर राजस्थान तक लोगों में बीमारियों का बड़ा कारण माना जाता है। अब इसे प्रदूषण मुक्त करने के लिए काला पानी दा मोर्चा के तहत पर्यावरण प्रेमियों ने भी कमर कस ली है। तीन दिसंबर को दरिया में गिर रहे गंदे पानी को रोकने के लिए हजारों की संख्या में पर्यावरण प्रेमी जमा हुए।

आईएसआई के मंसूबे नाकाम: बीएसएस ने एक वर्ष में 290 ड्रोन मार गिराए
बीएसएफ ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाक तस्करों के भारत विरोधी मंसूबों को असफल करते हुए इस वर्ष पाकिस्तान से भेजे गए 290 ड्रोन मार गिराए, जबकि 300 किलोग्राम से अधिक की हेरोइन व नशीले पदार्थ जब्त किए गए हैं। उक्त सारी बरामदगी पठानकोट से लेकर फिरोजपुर के सीमांत एरिया में से की गई है।

बीएसएफ और पंजाब पुलिस ने जॉइंट ऑपरेशन चलाते हुए एक वर्ष में तस्करों और आतंकियों के नेटवर्क को नाकाम बनाया है। बीएसएफ के अनुसार तस्कर, गैंगस्टर और खालिस्तानी आतंकियों का नेटवर्क तोड़ने में बीएसएफ सफल रही है। इससे पहले आतंकी और तस्कर यह काम करते थे, लेकिन अब उनमें गैंगस्टर भी शामिल हो गए है। पाक की खुफिया एजेंसी आईएसआई ड्रोन, कंटीली तार और रावी दरिया के रास्ते हथियार और नशा भेज रही है।

97 तस्करों को किया गिरफ्तार
बीएसएफ ने वर्ष 2024 में पंजाब बार्डर से 37 पिस्तौल, 428 कारतूस, 48 मैगजीन बरामद कर चुकी है इसके साथ ही 97 तस्करों को गिरफ्तार किया है। 63 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया। तीस पाकिस्तानी, दो बांगलादेशी, एक अफगान नागरिक को भी पकड़ा है। पाकिस्तान के चार घुसपैठियों को मार गिराया है। बीते साल में कुल 290 ड्रोन को मार गिराया गया। यह रिकवरी अमृतसर, तारनतारन, अजनाला, रमदास, पठानकोट, फिरोजपुर आदि से की गई है।

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