उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में गुलदार का कहर जारी, महिला के हाथ से छीना तीन साल की बच्ची हुई मौत

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में लगातार गुलदार का हमला बढ़ता जा रहा है. आए दिन गुलदार लोगों पर हमले करता है. गुलदार के हमले में कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. शनिवार को गुलदार के हमले ने एक मां से हमेशा के लिए उसकी बच्ची को दूर कर दिया. पिथौरागढ़ के बेरीनाग क्षेत्र में शनिवार की शाम गुलदार, महिला के हाथ से उसकी तीन साल की बच्ची को झपटकर उठा ले गया. घटना में बच्ची को मौत हो गई.

घटना के प्रत्यक्षदर्शी श्याम सिंह का कहना है कि म़ृतका की मां अपनी बेटी को पीठ पर बैठाकर घर के आंगन में ही बने किचन की ओर जा रही थी. तभी गुलदार ने हमला कर दिया. वो बच्ची को झपटक झाडि़यों में ले गया. जब तक ग्रामीण इकठ्ठा हुए वो बच्ची को मार चुका था. जिसके बाद से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है. मृतक बच्ची की चाची मंजू देवी ने बताया कि यहां आए दिन इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं. गुलदार कई जानवरों को मार चुका है. बच्चों को स्कूल आने जाने में भी डर बना रहता है. शाम के समय तो गुलदार गांव के आसपास ही मंडराता रहता है. कब किस पर हमला कर दे, कहा नहीं जा सकता

गुलदार के हमलों से स्थानीय परेशान
पिथौरागढ़ या उत्तराखंड के लोगों के लिए ये दर्दनाक हादसा कोई नया नहीं है. पूरे उत्तराखंड में औसतन हर साल 22 लोगों की जान सिर्फ गुलदार के हमले में चली जाती है. अकेले पिथौरागढ़ में बीते 22 सालों में गुलदार 53 लोगों को मार चुका है. सबसे त्रस्त पौड़ी का एरिया है, जहां अभी तक 80 लोग गुलदार के हमले में जान गवां चुके हैं. इसी तरह लैंसडौन फॉरेस्ट डिवीजन में 53 लोग गुलदार का शिकार बन चुके हैं. पिछले 22 सालों में ही गुलदार के हमलों में 1552 लोग घायल हुए हैं. इनमें सबसे अधिक तादाद पौड़ी फारेस्ट डिवीजन की है. पौड़ी में 220, अल्मोड़ा में 163, पिथौरागढ़ में 146 और रूद्रप्रयाग में 112 लोग गुलदार के हमले में घायल हो चुके हैं.

Back to top button