उत्तराखंड में इस भयावह स्थिति से निपटने के लिए अब लोगों ने भगवान के आगे गुहार लगानी शुरू कर दी.. 

बारिश से चारों ओर हाहाकार मचा हुआ है। इस भयावह स्थिति से निपटने के लिए अब लोगों ने भगवान के आगे गुहार लगानी शुरू कर दी है। गुरुवार को सामाजिक सरोकारों को समर्पित लोक पंचायत सदस्यों ने प्रदेश भर में प्राकृतिक आपदा से हो रहे नुकसान को रोकने के लिए मां काली की शरण ली। काली माता मंदिर में हवन यज्ञ व पूजन किया।

 उत्तराखंड में इन दिनों भारी बारिश के चलते हाहाकार मचा हुआ है। भारी बारिश की वजह से पहाड़ दरक रहे हैं। इसके साथ ही नदियां उफान पर हैं। लगातार हो रही बारिश किसी से बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। इसी बीच लोग इस बारिश और नदियों के बढ़ते जलस्तर को रोकने के लिए पूजा-अर्चना भी कर रहे हैं।

सामाजिक सरोकारों को समर्पित लोक पंचायत सदस्यों ने प्रदेश भर में प्राकृतिक आपदा से हो रहे नुकसान को रोकने के लिए मां काली की शरण ली। कालसी के काली माता मंदिर में हवन यज्ञ व पूजन किया। मां काली से प्रदेश की खुशहाली की कामना की।r

इस मौके पर लोक पंचायत सदस्य भारत चौहान ने कहा प्रदेश में भारी वर्षा व प्राकृतिक आपदा के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त हो रहा है। ऐसे में जब मनुष्य पर संकट उत्पन्न होता है, तब हम देवता की शरण में जाते हैं। उन्होंने कहा प्रदेश की खुशहाली, जौनसार बावर, हिमाचल प्रदेश में आपदा के कारण अल्पायु में काल के ग्रास बने व्यक्तियों की आत्माओं की शांति के लिए हवन यज्ञ किया गया।

पुजारी ने कहा ऐसे समय में यज्ञ करने की है परंपरा

काली माता मंदिर कालसी के मुख्य पुजारी महंत भारत भूषण शर्मा ने कहा जब भी इस प्रकार की आपदा आती है। तब मनुष्य, जीव जंतुओं व क्षेत्र की खुशहाली और समृद्धि के लिए भारतीय संस्कृति में यज्ञ करने की परंपरा रही है। उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति विश्व कल्याण की कामना करती है। यज्ञ करने से प्रकृति में शुद्ध वातावरण का निर्माण होता है, साथ ही मनुष्य के दुख और कष्ट दूर हो जाते हैं।

आत्माओं की शांति के लिए किया गया यज्ञ

लोक पंचायत सदस्य प्रीतम चौहान ने कहा किसी भी दुर्घटना में अल्पायु में मृत्यु होना परिवार व क्षेत्र के लिए कष्टकारी होता है। आत्माओं की शांति के लिए यज्ञ हवन किया गया हैं। हिंदू धर्म में यज्ञ हवन से धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। यज्ञ व पूजन के दौरान लोक पंचायत सदस्य गंभीर सिंह चौहान, सतपाल चौहान, राकेश तोमर, सुरेश शर्मा, केसर चौहान आदि मौजूद रहे।

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