इन ठेकों को नीलाम करने के लिए प्रशासन ने रिजर्व प्राइस और कम कर दिए हैं..

चंडीगढ़ में इस बार प्रशासन के लिए शराब के ठेके मुसीबत बन गए हैं। 3 वीं बार नीलामी के लिए फिर से प्रशासन के आबकारी विभाग ने ठेकों के रेट कम किए हैं। अब 25 मई को ठेकों की नीलामी की तारीख तय की गई है।

 इस बार प्रशासन के लिए शराब के ठेके मुसीबत बन गए हैं। 19 शराब के ठेके बेचने का पिछले दो माह से प्रयास किया कर रहा है। 13 वीं बार नीलामी के लिए फिर से प्रशासन के आबकारी विभाग ने ठेकों के रेट कम किए हैं। अब 25 मई को ठेकों की नीलामी की तारीख तय की गई है। इससे पहले की नीलामी में एक भी ठेका नहीं बिका था। इन ठेकों को नीलाम करने के लिए प्रशासन ने रिजर्व प्राइस और कम कर दिए हैं।

इन ठेकों का रिजर्व प्राइस आबकारी विभाग ने पहली नीलामी के मुकाबले में 32.34 करोड़ कम कर दिए हैं। लेकिन इसके बावजूद ठेकदार रूचि नहीं दिख रहे हैं। पहली नीलामी 14 अप्रैल को हुई थी। प्रशासन को ठेकों की नीलामी का रिजर्व प्राइस कम करके अब तक 40 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। इसके साथ ही इन 19 ठेकों के बंद होने से इनमे शराब न बिकने से जो एक्साइट डयूटी और वैट से टैक्स आना था उसका भी करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है।

नई आबकारी नीति के अनुसार एक अप्रैल से शहर में ठेके शुरू हो गए हैं। अब तक प्रशासन कुल 95 में से 76 ठेके बेचने में कामयाब रहे हैं। अभी तक 76 ठेके बेचकर आबकारी विभाग 440 करोड़ रुपये ही कमाई कर चुका हैं। जबकि बचे हुए 19 ठेकों से 300 करोड़ रुपये की कमाई का टारगेट रखा गया है। प्रशासन के आबकारी नीति के अधिकारियों के अनुसार पंजाब सरकार के कारण इस बार चंडीगढ़ के ठेके पीट रहे हैं।

वहां पर शराब पर सरकार ने वैट और एक्साइज डयूटी को चंडीगढ़ के मुकाबले में काफी कम दिया है जिसका नुकसान चंडीगढ़ को हो रहा है। इसके साथ ही पंजाब में ठेकेदारों का कोई कोटा तय नहीं है। ऐसा पहली बार हुआ है जब प्रशासन को 13 वीं बार नीलामी करवाने की जरूरत पड़ रही है।

पिछली बार 7 बार ही नीलामी करवानी पड़ी थी। चंडीगढ़ में ऐसा पहली बार हुआ है जब प्रशासन अपने सभी ठेके बेचने में कामयाब नहीं रहा है जबकि चंडीगढ़ में हमेशा ही ठेके लेने का ठेकेदारों में क्रेज रहता था।

यह ठेके हैं अभी खाली,जिसकी नहीं हुई नीलामी

सेक्टर-10 मार्केट,,21 मार्केट,22बी,22 सी, 30 मार्केट,35 डी इनर मार्केट,सेक्टर-9, सेक्टर-36, अटावा, सेक्टर-43 मार्केट,बुडैंल,46,47डी, ,कलाग्राम, नर्सरियों के पास गांव मौलीजागरा औद्योगिक क्षेत्र के फेज-1 और फेज-2 में शराब ठेके की साइट खाली पड़ी।है इससे पहले मोहाली और पंचकूला के साथ चंडीगढ़ बार्डर पर जो शराब के ठेकों की साइट होती थी।वह सबसे पहले बिक जाते थे।लेकिन इस बार जो 19 ठेके नहीं बिके हैं उनमे बार्डर के पास के भी ठेके शामिल है।

धनास का ठेका नहीं बिक रहा

हर साल महंगा बिकने वाले धनास ठेके का रिजर्व प्राइस दो करोड़ 76 लाख रुपये कम किया गया है। जबकि हर साल यह शराब का ठेका सबसे महंगा बिकता था। इस ठेके को लेने की ठेकेदारों में काफी होड़ रहती थी।इस बार इस ठेके का रिजर्व प्राइस पहली नीलामी के दौरान 11 करोड़ 53 लाख रुपये तय किया गया था। लेकिन अब 13वीं नीलामी के लिए रिजर्व प्राइस कम करके 8 करोड़ 76 लाख रुपये तय कर दिया गया है ताकि यह ठेका बिक सके।

पिछले साल इस धनास ठेके की बोली 12.78 करोड़ रुपये लगी थी जो कि सबसे ज्यादा थी।शराब के ठेकेदारों के अनुसार धनास के पास पंजाब के एरिए में गांव तोंगा के पास शराब का ठेका खुल गया है।जिस कारण अब इस ठेके को इतना महंगा खरीदने का फायदा नहीं है।

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