महाराष्ट्र में वीर सावरकर पर राहुल गांधी का बयान बन सकता है चिंता की वजह..

भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस को बड़ी सियासी उम्मीदें हैं, लेकिन महाराष्ट्र में वीर सावरकर पर राहुल गांधी का बयान चिंता की वजह बन सकता है। राहुल गांधी ने जनजातीय दिवस के मौके पर अपने भाषण में बिरसा मुंडा से वीर सावरकर की तुलना करते हुए उन्हें अंग्रेजों का एजेंट करार दिया। इस पर महाराष्ट्र में बवाल मच गया है। एक तरफ कांग्रेस की सहयोगी शिवसेना ने उनके इस बयान से दूरी बना ली है तो वहीं एनसीपी ने भी इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है। साफ है कि दोनों दल राहुल गांधी के बयान के समर्थन करने के नतीजे को समझते हैं। वहीं भाजपा और एकनाथ शिंदे गुट ने राहुल गांधी के बयान को लपकते हुए हमला बोल दिया है।

महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने राहुल गांधी के बयान का विरोध करते हुए कहा कि महाराष्ट्र के लोग यह नहीं सहेंगे। ऐसी यात्रा को बैन करना चाहिए। महाराष्ट्र की जनता इन लोगों को जवाब देंगे। ये लोग रोज गलत बातें करते हैं, निर्लज्जता की हदें ये लोग पार कर चुके हैं। वहीं एकनाथ शिंदे गुट ने भी राहुल गांधी के बयान को गलत बताया है। साफ है कि राहुल गांधी का बयान महाराष्ट्र में कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा सकता है। एक दौर में महाराष्ट्र की नंबर वन पार्टी रही कांग्रेस अब चौथे स्थान की लड़ाई लड़ रही है। वहीं, मराठी अस्मिता की राजनीति करने वाली शिवसेना और एनसीपी उसकी सहयोगी हैं।

राहुल गांधी का बयान भले ही वीर सावरकर पर है, लेकिन वह महाराष्ट्र के रहने वाले थे। इस वजह से एक बड़ा तबका उन्हें मराठी अस्मिता से भी जोड़कर देखता रहा है। वीर सावरकर पर कांग्रेस की ओर से जब भी कोई टिप्पणी आती है तो पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के नेता उस पर ज्यादा कुछ नहीं बोलते। वजह यही है कि वीर सावरकर पर कुछ भी कहना मराठी अस्मिता के भी खिलाफ समझा जा सकता है। शिवाजी, वीर सावरकर, लोकमान्य तिलक जैसे नायकों की महाराष्ट्र में बड़ी मान्यता रही है। ऐसे में इनके खिलाफ कोई टिप्पणी करना राजनीतिक दलों के लिए हमेशा से चिंताजनक रहा है।

यात्रा की शुरुआत में निक्कर जलाने वाली तस्वीर पर था विवाद

यही वजह है कि राहुल गांधी का बयान कांग्रेस को ना निगलते बन रहा है और ना उगलते बन रहा। भारत जोड़ो अभियान की शुरुआत में भी कांग्रेस की ओर से एक पोस्टर जारी किया गया था, जिसमें खाकी निक्कर को जलते हुए दिखाया गया था। इस पर भी कांग्रेस पर संघ और भाजपा ने तीखा हमला किया था। ऐसे में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर यह सवाल जरूर उठता है कि आखिर इसका हासिल किया है। 

सावरकर पर क्या बोला है राहुल गांधी ने, पढ़िए

राहुल गांधी ने वीर सावरकर को लेकर कहा, ‘अंग्रेज उस समय पर सुपरपावर थे और 24 साल के बिरसा मुंडा जी ने उनका मुकाबला किया और एक इंच पीछे नहीं हटे। वे हमें रास्ता दिखाते हैं। अब आप भाजपा के चिह्न को देखिए। उन्हें दो-तीन साल के लिए अंडमान में बंद कर दिया गया तो उन्होंने चिट्ठी लिखनी शुरू कर दी। हमें माफ कर दो और जो चाहिए, वह ले लो। बस जेल से निकाल दो।’ इसके आगे राहुल गांधी कहते हैं कि सावरकर और बिरसा मुंडा में फर्क देखिए। एक तरफ 24 साल में बिरसा शहीद हो गए, लेकिन सावरकर को ये वीर कहते हैं। उन्होंने खुद ही अपने लिए दूसरे नाम से एक किताब लिखी, जिसमें बताया कि सावरकर कितने वीर हैं। सावरकर अंग्रेजों से पेंशन लेते थे और उनके लिए काम करते थे। जेल से निकलने के कुछ साल बाद ही सच्चे सावरकर देश को दिखे।’

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