जम्‍मू-कश्मीर में बंद से सामान्य जनजीवन हुआ प्रभावित, निषेधाज्ञा लागू व रेल सेवा भी ठप

श्रीनगर। कश्मीर घाटी में सोमवार की सुबह से ही अलगाववादियों द्वारा प्रायोजित बंद और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन द्वारा विभिन्न इलाकों में लगाई गई निषेधाज्ञा से सामान्य जनजीवन प्रभावित नजर आया। 

कटटरपंथी सईद अली शाह गिलानी और उदारवादी हुर्रियत प्रमुख मीरवाईज मौलवी उमर फारुक समेत सभी प्रमुख अलगाववादी नेताओं की नजरबंदी को जारी रखा गया है। रेल सेवा को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है। सभी संवेदनशील इलाकों में मोबाईल इंटरनेट सेवा को बंद करने के अलावा श्रीनगर में डाटा स्पीड की गति को भी सीमित कर दिया गया है।

गौरतलब है कि गुरुवार को कुलगाम में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में तीन स्थानीय आतंकी मारे गए थे। इस दौरान हुई हिंसा और आतंकी ठिकाने पर एक धमाके में सात लोगों की मौत भी हुई है। इन सभी मौतों के लिए हुर्रियत कांफ्रेंस समेत विभिन्न अलगाववादी संगठनों के साझा मंच ज्वायंट रजिस्टेंस लीडरशिप जेआरएल ने 22 अक्टूबर यानी आज के दिन साेमवार को पूर्ण कश्मीर बंद का आहवान किया है।

अलगाववादियों के बंद के अाहवान और इस दौरान हिंसा की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर के सात थाना क्षेत्रों रैनावारी, नौहट्टा, खनयार, सफाकदल, महराजगंज, करालखुड और मैसूमा के कार्याधिकार क्षेत्र में बीती रात ही निषेधाज्ञा को लागू कर दिया।

इन इलाकों में कई जगह आने जाने के रास्तों को सील किया गया है। इसके अलावा कुलगाम,पुलवामा, अनंतनाग और शोपियां के संवेदनशील इलाकों में भी किसी भी घटना से निपटने के लिए निषेधाज्ञा लागू करते हुए पुलिस व अर्धसैनिकबलों की तैनाती बड़ाई गई है।

बंद और प्रशासनिक पाबंदियां का असर आज सुबह से ही श्रीनगर मेंं वादी के विभिन्न इलाकों में नजर आ रहा है। सभी दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हैं। शिक्षण संस्थान भी बंद हैं। सड़कों पर सार्वजनिक वाहनों की आवाजाही लगभग ठप है और कहीं कही निजी या तिपहिया वाहन ही नजर आए। डाऊन-टाऊन में लगभग कर्फ्यू जैसी स्थिति है।

पुलिस नियंत्रण कक्ष में मौजूद एक अधिकारी ने बताया कि बंद का असर देखा जा रहा है। लेकिन अभी तक स्थिति तनाव के बावजूद पूरी तरह नियंत्रण में है। 

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