कनाडा में नये प्रधानमंत्री की तलाश इतनी आसान नहीं, ट्रूडो के इस्तीफे के बाद लंबा चलेगा प्रोसेस
राजनीतिक द्वंद्व और आर्थिक मोर्चे पर जूझ रहे कनाडा के लिए जस्टिन ट्रूडो का इस्तीफा एक नई शुरुआत की तरह देखा जा रहा है। जनता और अपनों की नाराजगी के बाद ट्रूडो ने लिबरल पार्टी के नेता और प्रधानमंत्री का पद छोड़ने का मन बना लिया है।
कनाडा में इस साल अक्टूबर महीने में चुनाव होने हैं। ट्रूडो ने कहा है कि वह नये उम्मीदवार का चयन होने तक ही पद पर बने रहेंगे। उधर डोनाल्ड ट्रंप ने भी शपथ ग्रहण के बाद कनाडा पर टैरिफ लगाने की बात कह दी है। ऐसे में चौतरफा मोर्चों पर उठापटक झेल रहे कनाडा में काफी कुछ बदलने की उम्मीद है।
कब चुना जाएगा नया प्रधानमंत्री?
भारत और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के मुकाबले, कनाडा में प्रधानमंत्री को चुनने की प्रक्रिया काफी अलग है। भारत या ऑस्ट्रेलिया में चुने हुए सांसद नेता का चुनाव करते हैं और उन्हें रातों-रात ही हटाया भी जा सकता है।
लेकिन कनाडा का मामला अलग है। यहां नेता का चयन एक सम्मेलन बुलाकर किया जाता है, जिसे ऑर्गनाइज करने में कई महीने लग जाते हैं। इसलिए जब तक किसी नये नेता का चयन नहीं हो जाता, ट्रूडो ही प्रधानमंत्री और लिबरल पार्टी के नेता के पद पर बने रहेंगे।
नया पीएम चुनने में कितना समय लगेगा?
जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि उन्होंने पार्टी को नये उम्मीदवार का चयन करने के लिए कह दिया है। लिबरल पार्टी के अध्यक्ष सचित मेहरा ने इस पर कहा कि इस हफ्ते पार्टी की नेशनल बोर्ड मीटिंग बुलाकर प्रक्रिया को शुरू करेंगे।
2013 में जब ट्रूडो के नेतृत्व में लिबरल पार्टी ने चुनाव जीता था, तब नेता चुनने की प्रक्रिया में 5 महीने लगे थे। वहीं 2006 में यह प्रोसेस 8 महीने में पूरा हुआ था। इसलिए अभी ट्रूडो के पद से हटने और नये व्यक्ति के पदभार संभालने में भी कुछ महीने लग ही जाएंगे।
हालांकि चुनाव में हार की संभावना को देखते हुए लिबरल पार्टी कोशिश करेगी कि वह नये नेता को चुनने की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी करे। वैसे भी चुनावी सर्वेक्षणों में ट्रूडो के नेतृत्व में लड़ने पर लिबरल पार्टी की सीटें कम होने की संभावना जताई जा रही है।
कौन लेगा जस्टिन ट्रूडो की जगह?
ये सवाल सबके मन में है कि जस्टिन ट्रूडो की जगह आखिर कौन ले सकता है? दरअसल आगामी चुनाव में हार की संभावना के चलते कोई भी ट्रूडो को रिप्लेस नहीं करना चाहेगा। लेकिन फिर भी इस वक्त रेस में इनोवेशन मिनिस्टर फ्रैंकोइस फिलिप और ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर अनीता आनंद का नाम चल रहा है।
इनके अलावा विदेश मंत्री मेलानी जॉली, पूर्व वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड का नाम भी लिस्ट में है। बैंक ऑफ कनाडा और बैंक ऑफ इंग्लैंड के पूर्व गवर्नर मार्क कार्ने भी रेस में शामिल हो सकते हैं। लेकिन उन्हें इसके लिए संसद का सदस्य बनना पड़ेगा।
कब होंगे कनाडा में चुनाव?
ट्रूडो ने यह साफ कर दिया है कि 27 जनवरी से शुरू होने जा रहे संसद सत्र को 24 मार्च तक निलंबिक कर दिया जाएगा। इसका एक पहलू ये भी है कि ट्रूडो की अल्पमत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहे विपक्ष को मई तक इंतजार करना पड़ सकता है।
इसलिए अगर कनाडा में जल्दी चुनाव हुए, तो यह मई के महीनों में हो सकते हैं। वहीं कनाडा की संसद में 20 जून से पहले ग्रीष्मकालीन अवकाश भी शुरू हो जाएगा। ऐसे में अगर लिबरल पार्टी तक तक सत्ता में रहती है, तो चुनाव अक्टूबर में ही होंगे।