बिहार में बरस रहा ठंड का केहर, 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे गया तापमान

पूरा बिहार भारी ठंड की चपेट में है। बीते 24 घंटे के भीतर राज्य के 15 जिलों का न्यूनतम तापमान आ गया। इससे ठंड में बढ़ोतरी देखी गई। वातावरणीय प्रभावों के असर से गुरुवार को राज्य के 20 जिलों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया। उत्तर बिहार की ओर हिमालय की तराई से सटे 11 जिलों में घने कोहरे से जनजीवन खासकर यातायात सेवाएं प्रभावित हुईं। फारबिसगंज में गुरुवार को काफी घना कोहरा रहा और विजिबिलिटी महज 25 मीटर की रही। पूर्णिया में 50 मीटर जबकि वाल्मीकिनगर में 150 मीटर विजिबिलिटी रही। 

उत्तर बिहार के कई जिलों में धूप नहीं निकलने से कई जगहों पर शीतलहर जैसी स्थिति रही। सड़क यातायात पर इसका विशेष असर देखा गया। दक्षिणी पश्चिमी हवाओं के लगातार प्रवाह से पटना में लगातार दूसरे दिन तापमान में गिरावट दर्ज की गई। गुरुवार को न्यूनतम तापमान 8.8 डिग्री रहा। यहां डेढ़ डिग्री न्यूनतम तापमान में कमी आई। हालांकि दृश्यता बेहतर रहने से विमान सेवाओं पर सुबह में कोई असर नहीं पड़ा। लेकिन ठंड से पार्कों और सड़कों पर अन्य दिनों की अपेक्षा लोग कम दिखे। दिन में धूप निकली, लेकिन इससे ठंड पर कोई खास असर नहीं पड़ा। पटना के अधिकतम तापमान में तीन डिग्री की बढ़ोतरी हुई। हालांकि शाम ढलने पर फिर से ठंड में बढ़ोतरी हुई।

पटना, औरंगाबाद, बांका व दक्षिण मध्य बिहार के कई जिलों में सुबह में ठिठुरन से लोग हलकान रहे। राज्यभर में सबसे ठंडा सबौर रहा जहां न्यूनतम तापमान 5.4 डिग्री दर्ज किया गया। इस सीजन में यह राज्य का सबसे कम तापमान रहा है। दूसरा सबसे ठंडा गया और समस्तीपुर रहा। इन दोनों जगहों पर न्यूनतम तापमान 6.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

कोहरे से मिलेगी हल्की राहत, ठंड भी कम होगी

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक अगले दो दिनों में ठंड से राज्यभर में आंशिक राहत मिलेगी। न्यूनतम तापमान ऊपर चढ़ेगा। दरअसल राज्यभर में दक्षिणी पछुआ हवाओं की प्रबलता और प्रवाह में कमी आई है। इससे कनकनी का असर घटेगा। हवाओं की गति कम होने से कई जिलों में घना कोहरा हो सकता है। वहीं कड़ाके की ठंड को देखते हुए राजधानी में 25 जगहों पर अलावा की व्यवस्था की गई है।

पटना के जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह के निर्देश पर जिला आपदा प्रबंधन शाखा द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर अलाव की व्यवस्था की गई है। गुरुवार को 25 स्थलों पर अलाव जलाया गया। विभिन्न चौक-चौराहों, बाजारों, रैन बसेरों, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, अस्पताल सहित भीड़-भाड़ वाले स्थलों पर अलाव जलाया जा रहा है।

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