महिला सुरक्षा को ध्यान में रखकर हुआ अहम बिल, अब बलात्कार के दोषियों को होगी फाँसी

भोपाल: अभी कुछ ही दिनों पहले मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में एक सामूहिक बलात्कार की घटना ने पुरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इस घटना के बाद से मध्यप्रदेश सरकार के ऊपर ऊँगली उठने लगी थी। लेकिन मध्यप्रदेश सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखकर एक बड़ा कदम उठाया है। सोमवार को बलात्कार के दोषियों को फाँसी की सजा दिलाने के लिए पेश दंड विधि संशोधक विधेयक को सबकी सम्मति से मध्यप्रदेश विधानसभा ने पास कर दिया है।

अब इस कानून को मंजूरी दिलाने के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जायेगा। जिसके बाद भारतीय दंड संहिता और दंड प्रक्रिया संहिता में संशोधन किया जा सकेगा। सबसे अहम बात यह है कि इस बिल का समर्थन विपक्ष ने भी किया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंग चौहान ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए इस बिल का पास होना बहुत ही जरुरी था। उन्होंने आगे कहा कि महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए लोगों को जागरूक भी किया जायेगा।

अब से 12 साल की बच्चियों के साथ दुष्कर्म या सामूहिक दुष्कर्म करने वाले व्यक्ति को फाँसी की सजा होगी। यह भी बताया जा रहा है कि इस विधेयक में जो सजा प्रस्तावित की गयी है, उसमें नरमी बरतने के लिए कई मंत्रियों ने सुझाव भी दिए थे। लेकिन उनके सुझावों को दरकिनार कर सख्त प्रावधान करवाए गए हैं। 12 साल की मासूम बच्चियों के साथ दुष्कर्म या सामूहिक दुष्कर्म के मामले में अधिकतम सजा फाँसी दी जा सकती है।

इसके साथ ही विवाह का झांसा देकर शारीरिक सम्बन्ध बनाने और उसके खिलाफ शिकायत की पुष्टि हो जाने के बाद तीन साल तक की सजा का प्रावधान भी नई धारा जोड़कर किया जा रहा है। साथ ही किसी महिला को निर्वस्त्र करने की मंशा के साथ उसपर हमला करने के जुर्म में उसके ऊपर 1 लाख रूपये तक का अर्थदंड भी लगाया जा सकता है। जमानत के मामलों को और कड़ा बनाने के लिए भी प्रावधान किया जा रहा है। जब तक लोक अभियोजक का पक्ष सुन नहीं लिया जायेगा तब तक जमानत नहीं होगी।

 

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