मिचौंग तूफान का असर: बिना रुके 20 घंटे तक हुई बारिश ने तोड़ा 12 साल का रिकॉर्ड

मिचौंग तूफान का असर राजधानी लखनऊ और उसके आसपास के जिलों में देखने को मिला। यहां सोमवार को रिकॉर्ड बारिश हुई। आने वाले एक-दो दिनों में बारिश का असर बना रह सकता है। चक्रवातीय दबाव के चलते राजधानी में रविवार देर रात करीब ढाई बजे से शुरू हुआ बारिश का सिलसिला 20 घंटे तक चला। इस दौरान हुई 17 मिमी बारिश ने दिसंबर में पानी गिरने का बीते 12 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया।
न्यूनतम तापमान ने भी रिकॉर्ड बनाया और बीते सालों में पांचवीं सबसे गर्म रात रही। दिन और रात के पारे का अंतर घटकर दो डिग्री के आसपास रह गया। दिन का पारा 19 और रात का 17 डिग्री रहा। बारिश का असर सामान्य जनजीवन पर दिखा। आंचलिक विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार मंगलवार से मौसम खुलने के आसार हैं।
सोमवार सुबह जब लोग नींद से जागे तो तेज बारिश जारी थी। सुबह दस बजे के आसपास मौसम साफ हुआ, लेकिन थोड़ी देर बाद फिर बारिश होने लगी जो रात नौ बजे तक जारी रही। शाम तक रिकॉर्ड हुई 17 मिमी बारिश बीते 12 वर्षों में दिसंबर में सर्वाधिक रही। वर्ष 2022 में तो एक मिमी से कम बारिश हुई थी। 2014, 2015 और 2019 में क्रमशः 13.4, 14.3 और 16 मिमी बारिश हुई थी। 2011-12-16 और 2020 में बारिश हुई ही नहीं थी। अन्य वर्षों में 10 मिमी से कम रही।
मौसम विभाग के अनुसार रविवार की रात बीते वर्षों में पांचवीं सबसे गर्म रात रही। न्यूनतम तापमान 17 डिग्री रहा। इससे पहले छह दिसंबर 2021 को यह 18.2, तीन दिसंबर 2021 को 17.5, 25 दिसंबर 1980 में 17.3, दो दिसंबर 2015 में 17.1 रहा था।
बेमौसम बारिश से बिगड़े शहनाई के सुर
इन दिनों शादी के लग्न तेज हैं। सोमवार को दिनभर हुई बारिश ने इसकी तैयारियों पर पानी फेर दिया। घराती रेनकोट पहनकर काम निपटाते दिखे। काफी जद्दोजहद के बाद शादियां हुईं। वेडिंग प्लानर अतुल गर्ग व हामिद हुसैन ने बताया कि खुले में होने वाली शादियों में काफी नुकसान हुआ है। शहर में 1000 शादियां खुले में होनी थीं।
हवा की सेहत में आया सुधार
बारिश ने राजधानी की हवा सुधार दी। सोमवार शाम को औसत एक्यूआई 93 रहा, जो इस सीजन में सबसे कम रहा। लालबाग में एक्यूआई 131 और तालकटोरा में 119 आ गया। यह केंद्रीय विद्यालय के पास 84, कुकरैल पिकनिक स्पॉट के पास 62 और डॉ. बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय के पास 71 रहा।
बारिश और खेती किसानीः गेहूं-आलू व दलहनी फसलें होगीं प्रभावित
बारिश से खेती-किसानी भी प्रभावित होगी। चन्द्रभानु गुप्त कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय के कृषि विशेषज्ञ डॉ. सत्येंद्र कुमार सिंह कहते हैं कि जहां पर किसानों ने गेहूं की समय पर बोवाई कर ली थी. एक सिंचाई भी कर दी है, इस बरसात से अधिक पानी हो जाने पर गेहूं की वृद्धि एवं विकास प्रभावित होगा। आलू की फसल पर अगेती झुलसा का प्रकोप बढ़ेगा। अभी बहुत से किसानों ने ज्वार, बाजरा, शांवा एवं कोंदो की कटाई नहीं की है, ये फसलें प्रभावित होगी। अधिक बरसात और जल भराव के कारण सरसों की फसल भी प्रभावित होगी।
हल्की धूप निकलते ही आलू पर करें छिड़काव
डॉ. सिंह के मुताबिक, हल्की धूप निकले उस समय किसानों को सलाह दी जाती है कि दवा के छिड़काव से झुलसा पर नियंत्रण होगा। जिन किसानों ने पपीते की पौध रोपाई कर रखी है जल निकास की उचित व्यवस्था करें। जब तक मौसम सही ना हो कीटनाशक एवं फफूंदी नाशक का छिड़काव ना करें, जिन किसानों ने प्याज, टमाटर, बैंगन, गोभी एवं पत्ता गोभी की नर्सरी डाल रखी है नर्सरी को पॉलिथीन से ढक कर रखें । अधिक बरसात होने से चना, मटर, मसूर, मटर की फसल प्रभावित होगी।
आम फल पट्टी के लिए बारिश फायदेमंद
यह बारिश आम बागवानों के लिए काफी फायदेमंद है। मलिहाबाद फल पट्टी क्षेत्र के बागवान का कहना है कि इससे बागों की सिंचाई हो जाएगी व तापमान कम होने से बौर समय पर निकलेगा। निर्मल वर्मा, बशर के मुताबिक बारिश से आम के पेड़ों में लगा जाला कीट खत्म हो जाएगा। चंद्रभानु गुप्त कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय के कृषि विशेषज्ञ डॉ. सत्येंद्र कुमार सिंह कहते हैं कि इस बारिश से गेहूं की फसल प्रभावित होगी। आलू की फसल पर अगेती झुलसा का प्रकोप बढ़ेगा।