IMF का मनना है कि अगले वर्ष फिर चीन से आगे होगी भारत की विकास दर
वित्त मंत्रालय ने रविवार को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की रिपोर्ट का एक हिस्सा जारी करते हुए कहा कि अगले वित्त वर्ष में भारत की विकास दर एक बार फिर चीन से ज्यादा हो जाएगी। रिपोर्ट के मुताबिक आगामी वित्त वर्ष से भारत आर्थिक सुस्ती के दौर से बाहर आने लगेगा। वर्ष 2020 में ही यहां की विकास दर सात फीसद हो जाएगी जबकि चीन की विकास दर अगले वर्ष 5.8 फीसद रहेगी। इस तरह से भारत और चीन की आर्थिक विकास दर का फासला काफी बढ़ जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर जारी अपनी ताजा विस्तृत रिपोर्ट में कहा है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान दोनो देशों की अर्थव्यवस्थाओं की रफ्तार 6.1 फीसद रहेगी। लेकिन अगले वर्ष भारत फिर से काफी आगे निकल जाएगा। दरअसल, भारत तेजी से विकास करेगा तो इसका असर समूची दुनिया की विकास दर पर दिखाई देगा।
वर्ष 2018 में वैश्विक विकास दर 3.6 फीसद रही थी जो इस वर्ष घट कर तीन फीसद पर आ जाने के आसार हैं। लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण सुधार के चलते वर्ष 2019 में वैश्विक विकास दर फिर से 3.4 फीसद हो जाएगी। आइएमएफ के मुताबिक वैश्विक अर्थव्यवस्था की रफ्तार बनाने में भारत का योगदान करीब 0.10 फीसद का होगा। असल में भारत का योगदान विकसित देशों या तेजी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले सबसे ज्यादा होगा।
गौरतलब है कि आइएमएफ ने हाल ही में वर्ष 2019 के लिए भारत की विकास दर के अनुमान को घटा कर 6.1 फीसद कर दिया है जो आरबीआइ के विकास दर अनुमान के करीब है। आइएमएफ की इस रिपोर्ट के मुताबिक पिछले वर्ष यानी 2018 में भारत की आर्थिक विकास दर 6.8 फीसद और चीन की 6.6 फीसद रही थी।
आइएमएफ की यह रिपोर्ट भारतीय मूल की अर्थविद व चीफ इकोनॉमिस्ट गीता गोपीनाथ ने तैयार की है। शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की आइएमएफ में बैठक भी थी। सनद रहे कि आरबीआइ समेत कई देसी व विदेशी एजेंसियों ने हाल के दिनों में भारत की विकास दर का अनुमान घटा दिया है। आरबीआइ ने भी विकास दर अनुमान को सात फीसद से घटाकर 6.1 फीसद कर दिया है। कुछ एजेंसियों ने इस बात के भी संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में विकास दर के अनुमान को और घटाया जा सकता है।