IIT जोधपुर और BSF ने मिलाया हाथ, विकसित करेंगे स्वदेशी सुरक्षा तकनीकें

आइआइटी जोधपुर और बीएसएफ ने भारत की सीमाओं की सुरक्षा को सशक्त बनाने के लिए अत्याधुनिक स्वदेशी तकनीकों के सह-विकास हेतु साझेदारी की है। ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में सीमा निगरानी, संचार और रक्षा नवाचार को नई दिशा देने के उद्देश्य से दोनों के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
आइआइटी जोधपुर और बीएसएफ ने भारत की सीमाओं की सुरक्षा को सशक्त बनाने के लिए अत्याधुनिक स्वदेशी तकनीकों के सह-विकास हेतु साझेदारी की है।
दोनों के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए
‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में सीमा निगरानी, संचार और रक्षा नवाचार को नई दिशा देने के उद्देश्य से दोनों के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस समझौते पर बीएसएफ के महानिरीक्षक एमएल गर्ग और आइआइटी जोधपुर के निदेशक प्रो. अविनाश कुमार अग्रवाल ने हस्ताक्षर किए।
प्रो. अग्रवाल ने कहा कि यह साझेदारी भारत की वैज्ञानिक क्षमताओं को राष्ट्रीय सुरक्षा में वास्तविक समाधान में परिवर्तित करेगी। इसके तहत ड्रोन, एंटी-ड्रोन तकनीक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित निगरानी प्रणाली और स्मार्ट बार्डर प्रबंधन पर कार्य किया जाएगा, जिससे सीमाओं की सुरक्षा में सुधार होगा।
आईआईटी जोधपुर स्थित राष्ट्रीय सुरक्षा अध्ययन एवं अनुसंधान हेतु मानेकशॉ उत्कृष्टता केंद्र, जो रणनीतिक नवाचार, स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकी विकास और क्षमता निर्माण पर केंद्रित है, इस साझेदारी का समन्वय करेगा। बीएसएफ संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान भी इसमें योगदान देगा।
यह समझौता ज्ञापन शैक्षणिक संस्थानों और सुरक्षा बलों के बीच अगली पीढ़ी की मातृभूमि सुरक्षा तकनीकों के विकास हेतु एक मजबूत सहयोग का संकेत देता है। इसका उद्देश्य स्मार्ट, सुरक्षित और तकनीक-संचालित सीमाओं के निर्माण के भारत के लक्ष्य का समर्थन करना है।
पाकिस्तान सीमा पर ये चुनौती
पाकिस्तान सीमा पर ड्रोन आधारित तस्करी का मुद्दा एक प्रमुख चुनौती बना हुआ है। बीएसएफ ने कई इलाकों में ड्रोन रोधी प्रणालियां तैनात की हैं, लेकिन भविष्य में इस खतरे से निपटने के लिए बल अपनी क्षमताओं को और मजबूत करने पर काम कर रहा है।





