ठंड में घूमना पसंद करते हैं तो जानें राजस्थान के ऐतिहासिक शहर अजमेर कबारे में…

अगर आप ठंड में घूमना पसंद करते हैं तो आप जा सकते हैं राजस्थान के ऐतिहासिक शहर अजमेर। यहाँ घूमकर आपको मजा आ जाएगा इतना हमे यकीन है। जी दरअसल अजमेर में कई ऐसे पौराणिक और एतिहासिक कलाकृतियों वाले स्थल है, जिसे देखने पर्यटक भारत ही नहीं बल्कि विदेशों से भी यहां पहुंचते हैं। आइए आज हम आपको बताते हैं उन जगहों के बारे में।

 
अजमेर शरीफ- अजमेर में ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह यहाँ के सबसे प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। जी हाँ और इस दरगाह में हर धर्म-जाति के लोग मत्था टेकने के लिए आते हैं। ऐसा कहा जाता है कि मुगल बादशाह अकबर आगरा से 437 किमी पैदल चलकर ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर बेटा होने की दुआ माँगने आए थे। आपको बता दें कि आज के समय में देश-विदेश से लोग दरगाह पर आकर मन्नत मांगते हैं और मन्नत पूरी होने के बाद चादर चढ़ाते हैं।

 
नरेली जैन मंदिर- यह मंदिर दिगंबर जैन संप्रदाय का एक प्रमुख और पवित्र स्थल है जोकि अजमेर से 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस स्थान को ज्ञानोदय तीर्थ स्थल के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है इस मंदिर को बनाने में काफी संगमरमर के पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है और पत्थरों को तराश कर उस पर सुन्दर नक्काशी और वास्तुकला का शानदार प्रदर्शन किया गया है जो पर्यटकों को अपनी ओर काफी आकर्षित करता है। आपको बता दें कि इस मंदिर के निर्माण में किसी भी प्रकार का भवन निर्माण सामग्री का इस्तेमाल नहीं किया गया है केवल और केवल पत्थरों से इसे बनाया गया है।

आनासागर झील- आनासागर झील, अजमेर शहर का सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक है जो अजमेर शहर के मध्य में स्थित है और शहर के केंद्र से सिर्फ 5 किलोमीटर दूर है। जी हाँ और यह विशाल झील एक कृतिम झील है जिसका निर्माण 12 वीं शताब्दी में अर्नोराज चौहान के द्वारा बनवाया गया था जो महान पृथ्वीराज चौहान के पूर्वज थे। हालाँकि बाद में मूगल शासकों के द्वारा झील को बढ़ाने के लिए ओर संशोधन किये। आपको बता दें कि आज यह झील अजमेर में एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र है और अजमेर में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक माना जाता है।

 
पुष्कर- अगर आप अजमेर गए और पुष्कर नहीं घूमे तो मतलब आपने कुछ नहीं घूमा। जी दरअसल यह राजस्थान का एक विख्यात तीर्थ स्थान है, जहां ब्रह्मा जी का मंदिर है। ऐसा कहा जाता है कि पूरे देश में यह ब्रह्माजी का इकलौता मंदिर है।

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