अगर ये वाला एक रुपए का नोट आपके पास है तो यहां बेचिए, एक नोट के मिलेंगे 14000 रुपए

हो सकता है कि साठ के दशक में भी लोग कहते हों कि, अरे बरसों बाद इस एक रुपये की कीमत ही क्या रह जानी है लेकिन वह शायद इस बात से अनजान थे कि 1 रुपये के नोट की कीमत हजारों में होगी। एेसा ही एक खास नोट दिल्ली में देखा जा सकता है जिसकी कीमत हजारों में है। बात चाहे कॉइंन्स की हो या पेंटिंग्स की एंटिक आइटम्स को रखना और उन्हें सहेजना किसी कला से कम नहीं। एंटिक आइटम्स को अपने में समेटे कुछ ऐसा ही फेयर ऑल इंडिया आर्ट एंड क्राफ्ट सोसाइटी में आयोजित किया जा रहा है। इसका आयोजन दिल्ली में ही होगा।

इस फेयर में एक से बढ़कर एक यूनिक आइटम देखे जा सकते हैं, लेकिन 1964 के 1 रुपए के नोट की बात ही कुछ अलग है। ये एक रुपए का नोट 14,000 मिल रहा है। जबकि 1949 में शुरु हुआ पहला नोट 6,000 रुपए में मौजूद है। ऐसे में इस नोट की इतनी कीमत अपने आप में एक हैरानी का विषय है। अगर आपके पास पहले से ऐसा नोट है तो आप उसे यहां बेच भी सकते हैं।
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वहीं प्री-इंडिपेंडेंस की करेंसी भी यहां अवेलेबल है। इसकी कीमत 50,000 रुपए है। 1917 को जारी इन नोटों को 25 नोटों की एक बुकलेट में समेटा गया था। इसका कवर ग्रे और ग्रीन कलर का था। इस बुकलेट को रखना उस जमाने में शाही शानो शौकत की तरह देखा जाता था। आज इसकी अवेलेबिलिटी न के बराबर है।
रॉयल न्यूमिसमैटिक सोसाइटी के प्रेजिडेंट मुकेश कुमार वर्मा कहते हैं कि एक रुपए का नोट हमेशा से ही काफी ज्यादा तादाद में बनता रहा है, लेकिन 1964 में बन यह खास एक रुपए का नोट बहुत कम तादाद में इश्यू किए गए थे। कलेक्टर्स के पास भी यह बहुत कम देखने को मिलते हैं इस वजह से ये ये काफी डिमांड में रहते हैं। इस वजह से इसकी कीमत इतनी ज्यादा है।





