अगर आपको भी नहीं पता है राष्ट्रमंडल का अर्थ ,तो यहां जानें..
राष्ट्रमंडल कई स्वतंत्र देशों का एक संगठन है। यह संगठन उन देशों का समूह है जो कि कभी ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन थे। इसका मुख्यालय लंदन में स्थित है। इसमें कई ऐसे देश भी शामिल हैं जो कभी ब्रिटेन के अधीन नहीं रहे हैं।
राष्ट्रमंडल शब्द अक्सर लोगों के सुनने में आता है लेकिन इसका अर्थ शायद ही किसी को पता होगा। राष्ट्रमंडल खेल सभी ने देखा होगा लेकिन शायद ही कभी किसी ने गौर किया होगा कि इस राष्ट्रमंडल में कौन से देश शामिल होते हैं। अगर आप भी उन्हीं में से एक हैं जो राष्ट्रमंडल का अर्थ नहीं जानते हैं तो हम आपको इस खबर के जरिए राष्ट्रमंडल से जुड़ी सभी जानकारी उपलब्ध कराएंगे। इस खबर में हम आपको बताएंगे कि राष्ट्रमंडल क्या होता है, इसका इतिहास क्या है और इसमें कितने देश शामिल हैं।
राष्ट्रमंडल का अर्थ
राष्ट्रमंडल उन देशों के समूह को कहा जाता है जो कभी न कभी ब्रिटेन से जुड़े होते हैं। जैसे वो देश जिनको ब्रिटेन ने अपना गुलाम बनाया हो और कुछ समझौते के तहत उन्हें स्वतंत्रता मिली हो। आपको बता दें, भारत भी एक राष्ट्रमंडल देश है। इन राष्ट्रमंडल देशों ने मिलकर अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए कई समझौते किए हैं। इन समझौते में लोकतंत्र और लैंगिक समानता शामिल है। राष्ट्रमंडल इसलिए बनाया गया ताकि जो भी देश इसके अन्तर्गत आते हैं उनके मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचाया जा सके। राष्ट्रमंडल अपने सदस्यीय देशों के हितों की रक्षा करता है।
क्या है राष्ट्रमंडल का इतिहास?
राष्ट्रमंडल, 19वीं शताब्दी के उपनिवेशवादी सिद्धांत पर आधारित है। पहली बार साल 1887 में ब्रिटिश और उपनिवेशी प्रधानमंत्रियों का सम्मेलन आयोजित किया गया। उस दौरान इस समूह में लंदन, कनाडा, आयरलैंड, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका शामिल हुआ करते थे। इसके बाद साल 1971 में राष्ट्रमंडल शासन अध्यक्षों की बैठक की प्रक्रिया तय हुई और इसकी पहली बैठक का आयोजन सिंगापुर में किया गया था। उस दौर में ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, कनाडा व ब्रिटेन जैसे बड़े और विकसित देशों के शामिल थे। इसी के साथ नोरू, टोंगा व मालदीव जैसे छोटे द्वीपीय देश भी इसका हिस्सा बने थे। हालांकि, आपको बता दें, साल 1911 में इंपेरियल सम्मेलन बना था और फिर 1920 में इसका नाम कॉमनवेल्थ रखा गया था।
कौन-कौन से हैं राष्ट्रमंडल देश
राष्ट्रमंडल,स्वतंत्र देशों का एक संगठन है। यह संगठन उन देशों का समूह है जो कि कभी ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन थे। इसका मुख्यालय लंदन में स्थित है। आपको बता दें, राष्ट्रमंडल देशों के समूह में कई ऐसे देश भी हैं जो पहले कभी भी ब्रिटेन के अधीन नहीं रहे थे जैसे कि मोजाम्बिक और रवांडा। इसके विपरित संयुक्त राज्य अमेरिका जो ब्रिटिश साम्राज्य के अधीन था वो राष्ट्रमंडल का सदस्य नहीं है।
- एशिया: भारत, मालदीव, मलेशिया, बांग्लादेश, ब्रुनेई दारुस्सलम, श्रीलंका, पाकिस्तान और सिंगापुर।
- यूरोप: इंग्लैंड, माल्टा, जर्सी, साइप्रस, जिब्राल्टर, गुएर्नसे, आइल ऑफ मैन, उत्तरी आयरलैंड, वेल्स और स्कॉटलैंड।
- अफ्रीका: स्वाजीलैंड, तंजानिया, घाना, युगांडा, दक्षिण अफ्रीका, मलावी, रवांडा, कैमरून, बोत्सवाना, कीनिया, लेसोथो, मॉरिशस, मोजाम्बिक, नामीबिया, नाइजीरिया, सेशेल्स, सियरा लियोन, द गांबिया और जाम्बिया।
- ओशीनिया: न्यूज़ीलैंड, तुवालू, टोंगा, समोआ, किरिबाती, ऑस्ट्रेलिया, कुक द्वीप समूह, नौरू, नियू, नॉरफॉक आइलैंड, पापुआ न्यू गिनी, सोलोमॉन द्वीप समूह और वैनुआतु।
- अमरीकी देश: सेंट हेलेना, कनाडा, बरमूडा, बेलिज़, फॉकलैंड द्वीप समूह और गुयाना।
- कैरेबियाई देश: ग्रेनेडा, ब्रितानी वर्जिन द्वीप समूह, बहमास, डोमिनिका, जमैका, सेंट विंसेट, एंगुइला, एंटिगुआ और बरबुडा, बारबाडोस, केमेन द्वीप समूह, मोंसेरात, सेंट किट्स एंड नेविस, सेंट लुसिया, त्रिनिदाद एंड टोबैगो और टर्क्स एंड कैकॉस द्वीप।