अगर आपको भी आता है ज्यादा गुस्सा तो बस करे ये… उपाय

ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार चांदी नौ ग्रहों में शुक्र और चंद्रमा से जुड़ा हुआ धातु है। इसी के साथ कहते हैं कि चांदी भगवान शिव के नेत्रों से उत्पन्न हुआ था इसलिए जहां चांदी होता है वहां वैभव और संपन्नता की कोई कमी नहीं होती है। 

चांदी की अंगूठी से फायदे:

अगर दाहिने हाथ की कनिष्ठा ऊँगली में चांदी की अंगूठी पहन ली जाए तो शुक्र ग्रह और चंद्रमा शुभ परिणाम देते हैं। ऐसा करने से खूबसूरती में निखार आता है।

कनिष्ठा उंगली में चांदी की अंगूठी पहनने से मस्तिष्क शांत रहता है इसी के साथ गुस्सा कम होता जाता है। जिनका कमजोर चंद्रमा होता है उन्हें चांदी की अभिमंत्रित अंगूठी पहननी चाहिए।

कफ, ऑर्थराइटिस, जोड़ो या हड्डियों से जुड़ी कोई भी समस्या है तो चांदी की अंगूठी फायदा देती है इस कारण इसे पहनना चाहिए।

अगर शरीर में वात, कफ और पित्त तीनों का संतुलन बनाना है तो चांदी पहने और जिन्हें बोलने में दिक्कत या हकलाहट जैसी समस्या होती है उन्हें चांदी की अंगूठी जरूर पहनना चाहिए।

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ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार चांदी नौ ग्रहों में शुक्र और चंद्रमा से जुड़ा हुआ धातु है। इसी के साथ कहते हैं कि चांदी भगवान शिव के नेत्रों से उत्पन्न हुआ था इसलिए जहां चांदी होता है वहां वैभव और संपन्नता की कोई कमी नहीं होती है। 

चांदी की अंगूठी से फायदे:

अगर दाहिने हाथ की कनिष्ठा ऊँगली में चांदी की अंगूठी पहन ली जाए तो शुक्र ग्रह और चंद्रमा शुभ परिणाम देते हैं। ऐसा करने से खूबसूरती में निखार आता है।

कनिष्ठा उंगली में चांदी की अंगूठी पहनने से मस्तिष्क शांत रहता है इसी के साथ गुस्सा कम होता जाता है। जिनका कमजोर चंद्रमा होता है उन्हें चांदी की अभिमंत्रित अंगूठी पहननी चाहिए।

कफ, ऑर्थराइटिस, जोड़ो या हड्डियों से जुड़ी कोई भी समस्या है तो चांदी की अंगूठी फायदा देती है इस कारण इसे पहनना चाहिए।

अगर शरीर में वात, कफ और पित्त तीनों का संतुलन बनाना है तो चांदी पहने और जिन्हें बोलने में दिक्कत या हकलाहट जैसी समस्या होती है उन्हें चांदी की अंगूठी जरूर पहनना चाहिए।

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