अगर आपकी शादी में हो रही हैं देरी, तो समझ लीजिए आपको मिल रहे हैं ये बड़े संकेत

भारतीय संस्कृति में विवाह एक बहुत बड़ा संस्कार है.अपनी यह कोई साधारण सम्बन्ध नही है,एक उत्तरदायित्व, सहयोग ,प्रेम एवं आपसी सामंजस्य का गठबंधन है.हमारी संस्कृति में विवाह का उद्देश्य वंश वृद्धि भी है.आजकल वर्तमान समय में  व्यक्ति की विवशता अपने कार्य की वजह से इतनी बढ़ गई है,कि विवाह के लिये  सोच पाना मुश्किल हो जाता है , तो विवाह में देरी देरी हो जाती है,पर इसके अलावा भी कुंडली में कुछ ऐसे कारक है जिनके  वजह से विवाह में देरी हो जाती है,आइये जानते है उन कारणों के बारे में जिनकी वजह से विवाह में देरी हो जाती है.
सभी तरह से सुयोग्य होने पर कई बार विवाह देरी से होता हैं कई लोग ऐसी स्थिति में भाग्य को दोष देने लगते हैं, पर वास्तव में ऐसी स्थिति में कौन से कारक उत्तरदायी हैं जिसकी वजह से विवाह में देरी होती हैं ,इसके लिए  कुंडली में ग्रहो की स्थिति  का सही घर में बैठा होना भी अनिवार्य हैं.
1- बुद्ध और शुक्र :यदि सातवे घर में बुद्ध और शुक्र एक साथ विराजमान हो तो भी विवाह में देरी हो जाती हैं .
2-विवाह में अरुचि: जिन लोगो की कुंडली के चौथे भाव में या लग्न में मंगल हो और सातवे भाव में शनि हो तो  ऐसे लोगो की विवाह में अरुचि होती हैं.
3– जिन महिलाओ की कुंडली में में सातवे भाव का स्वामी शनि हो ऐसी लड़कियों का विवाह देरी से होता हैं.
4-जिन जातको के लग्न और बारहवे भाग में गुरु विराजमान हो और साथ में कोई शुभ गृह का योग भी नहीं बन रहा हो,ऐसे जातको के  विवाह में  भी देरी होती हैं.
5-जिन लोगो की कुंडली के लग्न में बुध ,मंगल ,सूर्य विराजमान हो, और बारहवे में गुरु हो ऐसे व्यक्ति बहुत आध्यात्मिक होते हैं,जिस वजह से उनका विवाह देरी से होता हैं .

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