अगर बढ़ी ट्रांजैक्शन फीस तो यूजर्स का UPI से होगा मोहभंग
भारत में ऑनलाइन पेमेंट के लिए यूनिफाइट पेमेंट इंटरफेस यानी यूपीआई (UPI) का क्रेज लगातार बढ़ रहा है। अब लोग किराने से सामान खरीदने के लिए भी यूपीआई करना पसंद करते हैं। यूपीआई के जरिये पेमेंट करने पर यूजर को ट्रांजैक्शन फीस (UPI Transaction Fees) देनी होती है। वैसे तो पेमेंट के हिसाब से ट्रांजैक्शन फीस लगती है।
यूजर की ट्रांजैक्शन फीस को लेकर Localcircles ने एक सर्वे किया था। इस सर्वे रिपोर्ट के अनुसार अगर यूपीआई की ट्रांजैक्शन फीस बढ़ जाती है तो 75 फीसदी यूजर यूपीआई का इस्तेमाल नहीं करेंगे। सर्वे रिपोर्ट में पाया गया कि 38 फीसदी यूजर लेनेदेन के लिए डेबिट कार्ड (Debit Card), क्रेडिट कार्ड (Credit Card) या फिर कोई दूसरे सोर्स से लेनेदेन की जगह पर यूपीआई के जरिये पेमेंट करते हैं।
कम हो सकता है यूपीआई ट्रांजैक्शन
Localcircles सर्वे रिपोर्ट में कहा गया कि ट्रांजैक्शन फीस बढ़ जाने के बाद 22 फीसदी यूजर ने कहा कि वह फिर भी यूपीआई का इस्तेमाल करेंगे। वहीं 75 फीसदी यूपीआई यूजर (UPI User) ने कहा कि ट्रांजैक्शन फीस बढ़ जाने के बाद वह यूपीआई के जरिये पेमेंट नहीं करेंगे।
Localcircles ने बताया कि यह सर्वे 308 जिलों में हुई। इसमें 42,000 प्रतिक्रियाएं मिली गई है। यह सर्वे 15 जुलाई से 20 सितंबर के बीच कंडक्ट हुआ था।
लगातार बढ़ रहा है यूपीआई ट्रांजैक्शन
नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने बताया कि यूपीआई ट्रांजैक्शन (UPI Transaction) की संख्या में 57 फीसदी की तेजी देखने को मिली है। पिछले वित्त वर्ष की तुलना में कारोबारी साल 2023-24 में यूपीआई ट्रांजैक्शन का वॉल्यूम में 44 फीसदी का इजाफा हुआ है।
यह पहली बार है जब यूपीआई ट्रांजैक्शन ने 100 बिलियन को पार किया है। वहीं वित्त वर्ष 2022-23 में यूपीआई ट्रांजैक्शन 84 बिलियन हुआ था, जो कि FY24 में करीब 131 बिलियन तक पहुंच गया था।