गायिकी के साथ अभिनय में भी सक्रिय हैं गुरु रंधावा, बोले- मैं हर दिन नया होता हूं

जो बीत गया, सो बीत गया। अगला दिन नया होगा। गायक और अभिनेता गुरु रंधावा इसी बात में यकीन करते हैं। वह न बीते हुए कल के बारे में सोचते हैं, न ही भविष्य में क्या होगा इसको लेकर वर्तमान खराब करते हैं।

गुरु से जब पूछा गया कि वह खुद को कैसे परिभाषित करेंगे, तब इस पर दैनिक जागरण से बातचीत में उन्होंने कहा कि अगर मुझसे पूछा जाए कि मैं किस किस्म व्यक्ति हूं, तो वो मैं नहीं बता पाऊंगा। मैं हर दिन नया होता हूं।

कल का सब कुछ पीछे छोड़ देता हूं
आगे बोले कि आप इसे खूबी और खामी दोनों कह सकते हैं कि कल का सब कुछ पीछे छोड़ देता हूं। मैं आज में जीने वाला व्यक्ति हूं। जो कल हो गया, उसे आज याद भी नहीं करता हूं। जब मैं अकेला बैठा रहता हूं, तो कई बार इसके बारे में सोचता भी हूं कि क्या मुझे कल जो बातें हुई हैं, उनके बारे में सोचना चाहिए? लेकिन फिर लगता है कि वर्तमान में जीयो। अब तो यह मेरी जीवनशैली बन गई है।

मैं हर काम करने में सक्षम हूं
आगे सफलता को लेकर अपने विचार साझा करते हुए गुरु कहते हैं कि मैं अपने काम से अपने दर्शकों को प्रेरित करने के प्रयास करता रहता हूं। स्टार हो या प्रशंसक कोई भी कम नहीं होता है। हम सब एक जैसे हैं, ठान ले, तो हर तरह का बदलाव जीवन में ला सकते हैं। मैं तो यही सोचकर हर रोज घर से निकलता हूं कि मैं सब कर सकता हूं। अगर मुझसे सफलता की परिभाषा पूछा जाए, तो वह यही होगी कि मैं हर काम करने में सक्षम हूं।

Back to top button