कितनी घटेगी आपके होम लोन की EMI, कितना होगा फायदा; समझिए पूरा कैलकुलेशन

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में जनता को कई तोहफे दिए। अब RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने भी एक बड़ी खुशखबरी दी है। केंद्रीय बैंक ने फरवरी की MPC मीटिंग में रेपो रेट में 0.25 फीसदी (25 बेसिस प्वाइंट) की कटौती का एलान किया है। आरबीआई वित्त मंत्री ने पांच साल बाद नीतिगत ब्याज दरों में कटौती की है। इससे होम और कार लोन लेना सस्ता हो जाएगा। आपकी मौजूदा EMI भी कम हो सकती है।

Repo Rate क्या होता है?

रेपो रेट वह ब्याज दर होती है, जिस पर बैंकों को आरबीआई से उधार मिलता है। इसका मतलब है कि रेपो रेट घटने से बैंकों के लिए कर्ज लेना आसान हो जाएगा। इससे वे अपने ग्राहकों को भी कम ब्याज दर पर लोन दे सकते हैं। इसका फायदा लोन लेने वाले नए ग्राहकों को होता है। उनकी EMI या फिर लोन की अवधि कम हो जाती है। वहीं, अगर किसी ने फिक्स्ड की फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट पर कर्ज लिया है, तो उसकी EMI भी कम हो जाएगी।

EMI में कैसे मिलेगी राहत?

रेपो रेट कटौती के बाद फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट पर होम लोन लेने वाले ग्राहकों के पास दो विकल्प होते हैं। वे या तो अपनी EMI कम करा सकते हैं या फिर लोन का टेन्योर कम। अगर EMI कम कराते हैं, तो इससे मासिक बजट पर बोझ हल्का होगा। आपके पास हर महीने कुछ अतिरिक्त पैसे बचेंगे। वहीं, टेन्योर कम कराने से लोन जल्दी खत्म होगा। इससे लोन जल्दी खत्म होगा और ब्याज पर बचत होगी। यह उन लोगों के लिए अच्छा विकल्प होता है, जो अपना कर्ज जल्दी खत्म कराना चाहते हैं।

ब्याज दर घटने से कितना होगा फायदा?

यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपने कितना लोन लिया है और कितने लंबे वक्त के लिए लिया है। अब मान लीजिए कि आपने 30 लाख रुपये का लोन 20 साल के लिए 8.75 फीसदी की ब्याज दर पर लिया है। इस पर आपकी EMI 26,511 रुपये बनेगी और आपको कुल 33,62,717 रुपये चुकाने होंगे।

लेकिन, अगर आपका बैंक आरबीआई के रेट कट के बाद ब्याज दर 0.25 फीसदी कम देता है, तो आपकी ब्याज 8.5 फीसदी हो जाएगी। फिर आपको 26,035 रुपये की EMI ही देनी पड़ेगी। इसका मतलब आपको हर महीने सीधे 476 रुपये का लाभ होगा। आप कुल 32,48,327 रुपये ही जमा करने होंगे। इससे आपको सीधे 1,14,390 रुपये का फायदा होगा।

EMI या टेन्योर घटने का पता कैसे चलेगा?

आरबीआई के निर्देश अनुसार, बैंक रेपो रेट घटने के बाद टेन्योर घटाते हैं। इसका मतलब है कि ब्याज दर घटने के हिसाब से आपके लिए लोन का टेन्योर यानी अवधि कम हो जाएगा। कई बैंक फ्लोटिंग रेट पर लोन देते समय ही पूछ लेते हैं कि आप ब्याज दरों में बदलाव के बाद टेन्योर घटाना-बढ़वाना चाहेंगे या फिर EMI।

आरबीआई के रेट के बाद अगर आप अपनी सहूलियत के हिसाब से टेन्योर या EMI में से कोई एक कम करना चाहते हैं और आपने लोन लेते वक्त उसे नहीं चुना था, तो आप ऋणदाता बैंक या फिर NBFC से संपर्क कर सकते हैं। उनसे आप अनुरोध कर सकते हैं कि वे टेन्योर के बजाय EMI कम करें या इसी तरह EMI के बजाय टेन्योर कम करें।

रेपो रेट घटने के फायदे का पता कैसे लगाएं?

रेपो रेट घटने के बाद अमूमन बैंक कुछ दिनों के भीतर ग्राहकों को उसका फायदा ट्रांसफर कर देते हैं। इसकी जानकारी वे नोटिफिकेशन जारी करके देते हैं। इस बदलाव को आप नेट बैंकिंग और बैंक के ऐप के जरिए अपने लोन स्टेटमेंट में चेक कर सकते हैं। वहां पर दिखता रहता है कि आपकी EMI और टेन्योर में कितना बदलाव हो रहा है।हालांकि, इस बात का कोई नियम नहीं है कि बैंक रेपो रेट घटने के बाद कितनी दिन में उसका फायदा देते हैं। बैंक इसके लिए बाध्य भी नहीं हैं कि वे रेपो रेट कट का फायदा ग्राहकों को ट्रांसफर करें। अगर आपका बैंक रेपो रेट कट का फायदा नहीं दे रहा है, तो आप कुछ समय इंतजार करने के बाद दूसरे बैंक में लोन ट्रांसफर भी कर सकते हैं।

प्रमुख बैंकों के होम लोन की ब्याज दर

वित्तीय संस्थान ब्याज दर
कोटक महिंद्रा बैंक 8.75%
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया 8.35%
बैंक ऑफ बड़ौदा 8.40%
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया 8.5%
HDFC होम लोन 8.75%
LIC हाउसिंग फाइनेंस 8.5%
एक्सिस बैंक 8.75%
पंजाब नेशनल बैंक 8.4%

नोट: लोन की यह ब्याज दर 7 फरवरी 2025 तक की है। अभी तक किसी भी वित्तीय संस्थान ने रेपो रेट के हिसाब से ब्याज दर नहीं बदली है।

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