ऑर्गेनिक उत्पादों का बढ़ रहा बाजार, भारतीय किसानों को कैसे मिलेगा फायदा?

ऑर्गेनिक उत्पादों का विश्व बाजार अभी एक लाख करोड़ रुपये का है। इसे बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाया जा सकता है। सबसे अच्छी बात है कि विश्व में ऑर्गेनिक उत्पाद करने वाले सबसे अधिक किसान भारत में हैं। क्षेत्रफल के लिहाज से भी भारत का स्थान दूसरा है। ऐसे में ऑर्गेनिक फार्मिंग के मामले में भारत ग्लोबल लीडर के रूप में उभर सकता है।

भारत में बड़ी संख्या में किसान ऑर्गेनिक फार्मिंग (जैविक खेती) की ओर रुख कर रहे हैं। ऐसे में संभावना है कि अगले तीन वर्षों में ऑर्गेनिक उत्पादों के निर्यात में लगभग तीन गुनी वृद्धि होगी। अभी पांच से छह हजार करोड़ के ऑर्गेनिक उत्पादों का निर्यात किया जा रहा है, जो अगले तीन वर्षों में बढ़कर 20 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।

यह अनुमान केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल का है। वह गुरुवार को एपीडा एवं इवेंट पार्टनर फिक्की द्वारा आयोजित नेशनल प्रोग्राम फार ऑर्गेनिक प्रोडक्शन (एनपीओपी) के आठवें संस्करण की शुरुआत के बाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद, सहकारिता राज्यमंत्री कृष्णन पाल गुर्जर एवं मुरलीधर मोहोल भी मौजूद थे।

गोयल ने किसानों को धीरे-धीरे ऑर्गेनिक फार्मिंग के माध्यम से घरेलू उत्पादन को बढ़ाते हुए विश्व बाजार पर प्रभुत्व बनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि सहकारिता मंत्रालय, कृषि, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय मिलकर ऑर्गेनिक फार्मिंग की प्रगति के लिए काम कर रहे हैं। इसके तहत किसान उत्पादक संगठनों को कौशल विकास, प्रशिक्षण, निर्यात संवर्धन, विपणन एवं पैकेजिंग आदि में सहयोग किया जा रहा है।

कितना बड़ा ऑर्गेनिक उत्पादों का बाजार
ऑर्गेनिक उत्पादों का विश्व बाजार अभी एक लाख करोड़ रुपये का है। उत्पादन एवं प्रोमोशन बढ़ाकर इसे 10 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाया जा सकता है। अच्छी बात है कि विश्व में ऑर्गेनिक उत्पाद करने वाले सबसे अधिक किसान भारत में हैं। क्षेत्रफल के लिहाज से भी भारत का स्थान दूसरा है। ऐसे में ऑर्गेनिक फार्मिंग के मामले में भारत ग्लोबल लीडर के रूप में उभर सकता है। इससे न सिर्फ किसानों की आमदनी बढ़ेगी, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय उत्पादों को प्रोन्नत भी किया जा सकेगा।

कार्यक्रम में पीयूष गोयल ने एनपीओपी पोर्टल का अनावरण भी किया, जो ऑर्गेनिक उत्पादों के कारोबार के लिए संचालन को सुगम बनाएगा। इससे उत्पादन और निर्यात में पारदर्शिता आएगी। किसानों को सशक्त करेगा। इसके माध्यम से नॉन-ऑर्गेनिक से ऑर्गेनिक में रूपांतरण के समय को कम किया जा सकता है।

किसान एक प्रोडक्शन ग्रुप से दूसरे ग्रुप में जा सकते हैं। इच्छा के अनुसार अपना सेवा प्रदाता को बदल सकते हैं। ऑर्गेनिक उत्पादों की उचित कीमत भी पा सकते हैं। इस दौरान एपीडा पोर्टल को भी अपग्रेड किया गया, जिससे कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के बारे में जरूरी जानकारी मिल सकेगी।

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