कैसे धरती पर बनता है सोना? कहां से आई ये कीमती चीज़!

हमारे आसपास रोज़ाना बहुत सी चीज़ें होती हैं, जो हमारी लाइफ का कुछ यूं हिस्सा बन चुकी हैं कि हम ध्यान भी नहीं देते हैं कि इसके पीछे भी कोई वजह हो सकती है. मसलन ऐसी तमाम चीज़ें हैं, जिन्हें हमने जबसे होश संभाला है, वैसे ही देखते-सुनते चले आ रहे हैं. ऐसे में कोई इस पर खास ध्यान भी नहीं देता. फिर भी कभी इससे जुड़ा सवाल दिमाग में आ भी जाए तो हम लाजवाब हो जाते हैं.

कई बार कुछ जिज्ञासा रखने वाले लोग इन चीज़ों पर सवाल कर देते हैं और फिर शुरू हो जाता है इसके पीछे का इतिहास खंगालने का सिलसिला. इंटरनेट पर कोरा एक ऐसा ही प्लेटफॉर्म है, जहां लोग इस तरह के सवाल पूछते हैं. इस पर ही एक यूज़र ने पूछा कि आखिर धरती पर सोना आता कैसे है? तो चलिए इसका जवाब खंगालते हैं.

ऐसे बनता है धरती पर सोना …
आइंस्टाइन की थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी के मुताबिक दो चीज़ों के विलय से भारी मात्रा में एनर्जी रिलीज़ होती है. जब भी कोई सितारा अपने जीवन के आखिरी चरण में होता है, तो उसकी कोर ढह जाती है. इससे सुपरनोवा विस्फोट होता है और इसकी परतें स्पेस में फैलती हैं. यही वो वक्त है जब न्यूट्रॉन कैप्चर रिएक्शन होते हैं और पैदा होते हैं काफी वज़न वाले कई एलिमेंट्स. सोना धरती पर आने की वजह भी दो न्यूट्रॉन तारों की आपस में टक्कर होती है. मैक्स प्लांक इंस्टिट्यूट ऑफ ऐस्ट्रोनॉमी के रिसर्चर्स ने स्पेस में स्ट्रॉन्टियम पाया. ये और अन्य एलिमेंट्स भी न्यूट्रॉन कैप्चर रिऐक्शन से पैदा हुए थे. ये स्पेस में इतनी ज्यादा न्यूट्रॉन डेंसिटी के साथ ट्रैवल कर रहे थे कि एलिमेंट्स में फ्री न्यूट्रॉन्स जुड़ने लगे. इस तरह स्ट्रॉन्शियम, थोरियम, यूरेनियम और सबसे कीमती सोना भी पैदा हुआ.

सूरज पर है भारी मात्रा में सोना
हमारे ब्रह्माण्ड के बनने के बाद ऐसी कई टक्करें हुई हैं, जिनसे स्पेस में फैला सोना हमारी धरती तक भी आ पहुंचा. ये दुर्लभ इसलिए भी है क्योंकि सीधे सितारों से ये ज़मीन पर उतरता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि 1868 में स्पेक्ट्रोस्कोपी की मदद से वैज्ञानिकों ने सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य में हीलियम की खोज कर ली. इसके बाद सूर्य के वायुमंडल में कार्बन, नाइट्रोजन और लोहे के साथ-साथ सोना भी खोजा गया. रिसर्च तो ये भी कहती है कि सूर्य पर 2.5 ट्रिलियन टन सोना है, जो धरती से बहुत ज्यादा है.

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