डॉक्टरों की हड़ताल पर गृह मंत्रालय रख रहा नजर

स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी संभव उपाय सुझाने की खातिर एक समिति का गठन किया जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि राज्य सरकारों सहित सभी पक्षकारों के प्रतिनिधियों को समिति के साथ अपना सुझाव साझा करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।

मंत्रालय ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला प्रशिक्षु डाक्टर से दुष्कर्म और हत्या के विरोध में देशभर में आंदोलन कर रहे चिकित्सकों से अनुरोध किया है कि वे व्यापक जनहित तथा डेंगू और मलेरिया के बढ़ते मामलों को देखते हुए अपने काम पर लौट आएं।

स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा के संबंध में अपनी मांगें रखी

फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोरडा), इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) और दिल्ली के सरकारी मेडिकल कालेजों एवं अस्पतालों के रेजिडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने कोलकाता की घटना के मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात की। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि विभिन्न एसोसिएशन ने कार्यस्थलों पर स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा के संबंध में अपनी मांगें रखी हैं।

मंत्रालय ने मांगों को सुना और स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करने का आश्वासन दिया है। एसोसिएशन के प्रतिनिधियों को बताया गया कि सरकार स्थिति से अच्छी तरह परिचित है और उनकी मांगों के प्रति संवेदनशील है। इस बात का भी उल्लेख किया गया कि 26 राज्य पहले ही स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए कानून बना चुके हैं।

हड़ताल पर केंद्र ने राज्यों से हर दो घंटे में रिपोर्ट देने को कहा

गृह मंत्रालय ने सभी राज्य पुलिस बलों से कहा है कि वे डाक्टरों, नर्सिंग स्टाफ और अन्य लोगों द्वारा किए जा रहे हड़ताल के मद्देनजर हर दो घंटे में स्थिति रिपोर्ट उपलब्ध कराएं। राज्य पुलिस बलों को भेजे गए संदेश में गृह मंत्रालय ने कहा कि हड़ताल के मद्देनजर सभी राज्यों की कानून-व्यवस्था की स्थिति पर नजर रखी जानी चाहिए। गृह मंत्रालय ने राज्य पुलिस बलों को फैक्स और वाट्सएप नंबर तथा ईमेल आइडी भी उपलब्ध कराई है, जिस पर स्थिति रिपोर्ट भेजी जा सकती है।

आइएमए ने मोदी को लिखा पत्र, डॉक्टरों की सुरक्षा की मांग उठाई

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा और कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में महिला प्रशिक्षु डाक्टर से दुष्कर्म और हत्या के मद्देनजर सुरक्षा को लेकर कई मांगें कीं। आइएमए ने कहा कि अस्पतालों को सुरक्षित क्षेत्र घोषित किया जाना चाहिए। अस्पतालों का सुरक्षा प्रोटोकाल किसी हवाई अड्डे से कम नहीं होना चाहिए। अनिवार्य सुरक्षा अधिकारों के साथ अस्पतालों को सुरक्षित क्षेत्र घोषित करना पहला कदम होगा।

अस्पतालों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी और सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की जा सकती है। आइएमए ने कहा है कि 25 राज्यों में स्वास्थ्य कर्मियों व अस्पतालों की सुरक्षा के लिए कानून है। इसे मजबूत बनाने के लिए केंद्रीय कानून बनाया जाना चाहिए। आइएमए ने यह भी मांग की कि कोलकाता में हुए अपराध की पेशेवर तरीके से और समयबद्ध जांच की जानी चाहिए और न्याय दिया जाना चाहिए। शोक संतप्त परिवार को उचित और सम्मानजनक मुआवजा दिया जाना चाहिए।

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