हिट एंड रन : सरकार-ट्रांसपोर्टर्स के बीच सुलह; आश्वासन के बाद हड़ताल खत्म
हिट एंड रन को लेकर नए कानून के खिलाफ आक्रोश के बीच जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। ट्रांसपोर्टर्स ने देशव्यापी हड़ताल की। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए केंद्रीय गृह सचिव ने उनके साथ बैठक की। बैठक और वार्ता का नतीजा भी तत्काल देखने को मिला। अब ट्रांसपोर्टर तत्काल ड्यूटी पर लौटेंगे। इससे पहले अखिल भारतीय परिवहन कांग्रेस की बैठक पर केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा, “हमने आज अखिल भारतीय परिवहन कांग्रेस के प्रतिनिधियों से चर्चा की।
नए कानून की धारा के तहत अभी कार्रवाई नहीं होगी
अजय भल्ला ने कहा, सरकार ये बताना चाहती है कि नए कानून और जुर्माने के प्रावधान अभी लागू नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा, भारतीय न्याय संहिता की धारा 106(2) लागू करने से पहले अखिल भारतीय परिवहन कांग्रेस से विचार विमर्श किया जाएगा। ड्राइवरों और ट्रांसपोर्टर की चिंंताओं को सुनने के बाद ही अंति निर्णय लिया जाएगा।
बैठक के बाद ट्रांसपोर्टर क्या बोले?
अखिल भारतीय मोटर परिवहन कांग्रेस (AIMTC) के अध्यक्ष अमृत लाल मदन ने गृह सचिव के साथ बैठक के बाद गतिरोध खत्म करने की अपील की। उन्होंने ड्राइवरों से कहा, आप सिर्फ हमारे ड्राइवर नहीं, सैनिक हैं। हम नहीं चाहते कि आप किसी भी असुविधा का सामना करें।
खुद गृह मंत्री शाह से मिला आश्वासन
उन्होंने कहा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आश्वस्त किया है कि सरकार, कानून के तहत 10 साल की सजा और जुर्माने के प्रावधान पर रोक लगाएगी। अमृत लाल मदन के मुताबिक अखिल भारतीय मोटर परिवहन कांग्रेस की अगली बैठक तक कोई कानून लागू नहीं किया जाएगा।
इसके अलावा एआईएमटीसी के प्रतिनिधियों ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वे नए कानूनों को लागू नहीं होने देंगे। एआईएमटीसी के पदाधिकारी बाल मंकीत सिंह ने कहा कि यह कानून अभी तक लागू नहीं हुआ है। हम ये कानून अभी तक लागू नहीं होने देंगे। साथ ही सिंह ने भी ट्रक चालकों से हड़ताल वापस लेने को कहा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने आश्वासन दिया है कि एआईएमटीसी के साथ चर्चा के बाद हिट-एंड-रन मामलों से संबंधित नए कानून लागू किए जाएंगे।
बैठक में दोनों पक्षों की दलीलें
ट्रांसपोर्टर
- कानून ज्यादा सख्त
- जानबूझ कर कोई दुर्घटना को नहीं करता
- मौके पर भीड़ हिंसा का डर
- कानूनी प्रक्रिया बेहद लंबी व परेशानी वाली
- कोहरे सहित दूसरे कारणों से भी दुर्घटना
सरकार
- सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बनाया कानून
- वक्त पर सूचना से 80% घायलों की बच सकती है जान
- चालक जिम्मेदार बनें, दूर जाकर भी दे सकते हैं सूचना
- पुलिस की मनमानी पर रोक के भी हैं प्रावधान
यूपी में 1,800 करोड़ के कारोबार पर असर
ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल से उत्तर प्रदेश में दवाइयों, सब्जियों, डीजल-पेट्रोल सहित उपयोगी वस्तुओं की सप्लाई बाधित हुई। प्रदेश में करीब 18 सौ करोड़ रुपये का कारोबार ठप हुआ है। एक चौथाई पेट्रोल पंप खाली हो गए। दूसरे दिन रोडवेज की 41 फीसदी बसों का संचालन हो पाया। रोडवेज को 15 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका था।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, ऑल इंडिया ट्रक और बस ड्राइवर संगठन समेत अलग-अलग ड्राइवर संगठन के लोगों ने 1 जनवरी से 3 जनवरी तक का ‘स्टीयरिंग छोड़ो’ के नाम से चक्का जाम शुरू कर दिया था। वजह थी आपराधिक कानूनों में किए गए बदलाव के कारण हिट एंड रन केस में भी सजा बढ़ाना, जिसके चलते देशभर में ट्रक और बस चालकों ने विरोध-प्रदर्शन किया। सजा की अवधि बढ़ाए जाने के खिलाफ बस और ट्रक ड्राइवरों के साथ-साथ ऑटो चालकों ने भी मोर्चा खोल दिया। बताया गया कि हिट एंड रन केस में नए कानून के तहत फरार और घातक दुर्घटना की सूचना नहीं देने पर ड्राइवरों को अब दो साल की नहीं, बल्कि 10 साल तक की जेल हो सकती है।