फ्लोटिंग हट्स-रेस्टोरेंट के मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा विस्तृत जवाब

नैनीताल: उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने टिहरी झील में फ्लोटिंग हट्स और रेस्टोरेंट के संचालन के मामले में सरकार से पूछा है कि किस नीति के तहत संचालन की अनुमति दी गई है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की युगलपीठ में ऋषिकेश के जोंक स्वर्गाश्रम निवासी नवीन सिंह राणा की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) की ओर से अदालत को बताया गया कि टिहरी झील में रियो नामक फ्लोटिंग हट्स और रेस्टोरेंट संचालित किया जा रहा है। इसके द्वारा प्रदूषण संबंधी मानकों का पालन किया जा रहा है। पीसीबी की ओर से यह भी कहा गया कि 31 मार्च, 2023 को पीसीबी की ओर संचालन के लिए दी गई अनुमति खत्म हो गई थी। पीसीबी की ओर से एक जनवरी, 2024 से संचालन की अनुमति दी गई है। इस दौरान ली रियो बिना अनुमति के संचालित होता रहा। इसके बाद अदालत ने सरकार से विस्तृत जवाब देने को कहा है।
मामले में 8 जनवरी को होगी अगली सुनवाई
अदालत ने सरकार से पूछा कि किस नीति और किस नियम के तहत संचालन की अनुमति दी गई है और कितने साल के लिए अनुमति दी गई है। अदालत इस मामले में सोमवार को सुनवाई करेगी। याचिकाकर्ता की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार की ओर से टिहरी झील में ली रियो नामक फ्लोटिंग हट्स और रेस्टारेंट को संचालन की अनुमति दी गई है। यह धार्मिक आस्था से खिलवाड़ है। साथ ही इससे टिहरी झील में प्रदूषण फैलने की आशंका है।