यहां हर 20 घंटे में होती है 1 गैंडे की हत्या, रोकने के लिए लिया बड़ा कदम

इंसान अपनी लालच को पूरा करने के लिए किसी भी हद तक गिर सकता है. यही वजह है उसने बेजुबान जानवरों को सिर्फ अपने फायदे के लिए सालों से मारा और उनकी जान ली है. कई ऐसे देश हैं, जहां लगभग हर रोज जंगली जानवरों को उनकी चमड़ी, हड्डी, सींग या दांतों के लिए मारा जाता है. गैंडों को ही ले लीजिए. उनकी सींग की तस्करी नई बात नहीं है. सालों से सैकड़ों गैंडे सिर्फ उनकी सींग (Radioactive substance injected in rhino horns) के लिए मार दिए गए. पर अब साउथ अफ्रीका के वैज्ञानिकों ने तस्करों को रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है. अब अगर वो गैंडे की सींग छुएंगे, तो उनकी मौत हो जाएगी!

डेली स्टार न्यूज वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार साउथ अफ्रीका (South Africa rhino radioactive substance) के एक वाइल्डलाइफ रिजर्व में करीब 20 गैंडों की सींग में रेडियोएक्टिव पदार्थ लगाए गए हैं. ये रेडियोएक्टिव पदार्थ इंसानों के लिए बेहद घातक साबित हो सकते हैं. अगर गैंडे की सींग के साथ इस पदार्थ का सेवन किसी इंसान के कर लिया, तो उसकी जान भी जा सकती है. इस पदार्थ से तस्करी होने वाले सींग का पता भी लगाया जा सकता है.

साउथ अफ्रीका में सींग के लिए मारे जाते हैं गैंडे
जोहेनसबर्ग के विट्स यूनिवर्सिटी के निदेशक जेम्स लार्किन और उनकी टीम ने गैंडों की सींड में इस पदार्थ को डाला है. उन्होंने कहा कि साउथ अफ्रीका में हर 20 घंटे में 1 गैंडे की हत्या उसकी सींग की वजह से की जाती है. उनका इरादा है कि गैंडों की सींग की कीमत, उसके आखिरी खरीददार की नजर में कम करना, जिससे उसकी मांग ही कम हो जाए. इसके साथ ही तस्करी होने वाली सींग को आसानी से पकड़ना, जिसे बॉर्डर के पार बेचा जाता है.

गैंडों की सींग में डाला गया रेडियोएक्टिव पदार्थ
उन्होंने बताया कि राइनो के हॉर्न ब्लैक मार्केट में सोने, चांदी, हीरे से ज्यादा महंगे बिकते हैं. इनका इस्तेमाल एशिया में कई दवाओं के लिए होता है, या फिर लोग गिफ्ट के तौर पर गैंडे का सींग भी दूसरों को देते हैं. साउथ अफ्रीका के लिंपोपो प्रांत में गैंडों के अनाथालय के कर्मी ऐरी वैन डेवेंटर ने कहा कि शायद ये तरीका तस्करी रोकने में कारगर साबित होगा. आपको बता दें कि यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने गैंडे की सींग में रेडियो आइसोटोप्स को इंजेक्ट कर दिया है. डेली स्टार के अनुसार सरकारी आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल करीब 500 गैंडों को स्लॉटर किया गया था. ये आइसोटोप्स राइनो के लिए खतरनाक नहीं हैं.

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