यहाँ “बेटों “की तरह पाले जाते हैं” सांप”, फिर एक दिन किया जाता है ये सब!!

एक ऐसा गाँव जहाँ जहरीले साँपों का बसेरा है और यही सांप लोगों के रोजी रोजगार का साधन बने हुए हैं इस तरह से जैसे कमाऊ पूत रहते हैं ।

बेटों की तरह पाले जाते हैं सांप

भारत में एक ऐसी जगह भी है जहां सांपों को लोग परिवार में बेटों की तरह पालते हैं। जी हां, आपको जानकर भले हैरानी हो लेकिन यह एक हकीकत है। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में एक जगह है- जोगीनगर। यहां के हर घर में जहरीले सांप पाले जाते हैं। वो भी साधारण तरीके से नहीं बल्कि इनकी देखरेख बेटों की तरह की जाती है।

पूरे संस्कार के साथ रखा जाता है साँपों को 

अगर पाले हुए किसी सांप की पिटारे में ही मौत हो जाए तो पालने वाला पूरे सम्मान के साथ मृत सांप का अंतिम संस्कार करता है।
– वह व्यक्ति अपनी मूंछ-दाढ़ी मुड़वाता है और पूरे कुनबे को मृत्युभोज कराता है।
– महासमुंद नगर के उत्तर में 10 किमी की दूरी पर स्थित है जोगी नगर।

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– नगर पंचायत तुमगांव की सीमा में आबाद यह बस्ती लगभग ढाई दशक पूर्व अमात्य गौड़ समुदाय में घुमंतू खानाबदोश सपेरों ने बसाई है।
– यहां के लोगों का मुख्य पेशा है, सांप पकड़ना और लोगों के बीच उसकी नुमाइश कर रोजी रोटी चलाना।
– इस काम में बच्चे भी पूरी निर्भीकता से बड़ों का साथ देते हैं।
– खास बात यह है कि किसी भी सांप को सपेरा केवल दो माह तक ही अपने पास रखता है। फिर उसे कहीं दूर उचित जगह पर खुला छोड़ दिया जाता है।
– जड़ी-बूटियों के जानकार सपेरे सांप-बिच्छू से पीड़ित लोगों का इलाज भी करते है।
सोर्स 24

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