HDFC बैंक के मार्केट कैप ने बनाया हाई रिकॉर्ड, 8 ट्रिलियन के पार मार्केट कैप
नई दिल्ली: HDFC बैंक के मार्केट कैप (Market capitalization) ने आज बाजार में नया हाई रिकॉर्ड बनाया है. बुधवार को पहली बार कंपनी का मार्केट कैप 8 ट्रिलियन को पार कर गया. बता दें HDFC बैंक देश की तीसरी सबसे ज्यादा मार्केट कैप वाली कंपनी बन गई है. इसके अलावा कंपनी के शेयरों ने आज ₹1464 का नया लेवल टच किया है. बीएसई पर कारोबार की शुरुआत होने के बाद ही कंपनी के शेयरों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है. आपको बता दें इस साल कंपनी के स्टॉक में अब तक 14 फीसदी का इजाफा हुआ है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि मार्केट कैप बढ़ने से शेयर में पैसा लगाने वाले निवेशकों को फायदा होता है. ग्राहकों पर इसका कोई असर नहीं होगा. उनकी सभी सर्विसेज पहले की तरह चालू रहेंगी.
कारोबार जगत में, कौन सी कंपनी कितनी बडी या छोटी है, इसका निर्धारण उसके कुल “मार्केट कैप” से किया जाता है। यह मार्केट कैप क्या होता है? कैसे इसकी गणना होती है, इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं।
मार्केट कैप क्या होता है?
मार्केट कैप, दरअसल Market capitalization (बाजार पूंजीकरण) का शॉर्ट फॉर्म होता है। यह किसी कंपनी के मौजूदा शेयरों की कुल market value को दर्शाता है। यानी कि मौजूदा समय में उस कंपनी की बाजार कीमत कुल कितनी हो सकती है। चूंकि शेयरों को, खुले बाजार में पब्लिक की ओर से खरीदा और बेचा जाता रहता है तो शेयरों की कीमत में उतार-चढाव के हिसाब से, किसी कंपनी के मार्केट कैप में भी उतार-चढाव आता रहता है। मार्केट कैप का कंपनी और उसके संसाधनों की की वास्तविक लागत से कोई मतलब नहीं होता। वास्तव में यह कंपनी के लाभ कमाने की संभावनाओं से प्रभावित होते हैं।
कैसे की जाती है मार्केट कैप की गणना
किसी कंपनी का मार्केट कैप तय करने के लिए, उस कंपनी के एक शेयर की कीमत को, कुल बेचे गए शेयरों से गुणा करके निकाला जाता है। इसका फॉर्मूला इस प्रकार होता है—
MC=N×P
यहां पर,
MC किसी कंपनी के बाजार पूंजी (market capitalization) को दर्शाता है
N उस कंपनी के मौजूदा कुल शेयरों की संख्या (Total Number of Shares) को दर्शाता है
P उस कंपनी के एक शेयर की मौजूदा कीमत (closing price) को दर्शाता है
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उदाहरण के लिए, किसी कंपनी के कुल 10 लाख शेयर बेचे जा चुके हैं। इस समय उसके 1 शेयर की कीमत 30000 रुपए है। तो उस कंपनी का बाजार पूंजीकरण होगा—
10 लाख ×3000 = 300 करोड रुपए।
अब अगर इसी कंपनी के शेयर के दाम बढकर 5000 रुपए प्रति शेयर हो जाते हैं तो फिर उसका मार्केट कैप हो जाएगा।
10 लाख ×5000 = 500 करोड रुपए।
मार्केट कैप में उतार-चढाव क्यों होता है
अगर किसी कंपनी के लाभ कमाने की संभावनाएं अच्छी हैं तो लोग उस कंपनी में हिस्सेदार बनने के लिए ज्यादा इच्छुक हैं तो वे उसके शेयरों की ज्यादा कीमत देने को तैयार रहते हैं। अगर किसी कंपनी के लाभ कमाने की संभावनाएं कमजोर होती हैं तो उसकी छवि लोगों के बीच नकारात्मक हो जाती है और उसके शेयरों की कम कीमत देने को तैयार रहते हैं।
हालांकि, कभी-कभी वर्तमान में कम कीमत वाले शेयरों वाली कंपनी में भी बडी संभावनाएं छिपी रहती हैं। शेयर बाजार के खिलाडी यानी कि विशेषज्ञ, इन संभावनों का आकलन करके इनके शेयरों में पैसा लगाते हैं और बाद में बडे मुनाफा कमाने में सफल होते हैं।