कभी देखे हैं पहाड़ी फ्रिज? लाखों के ब्रांडेड रेफ्रिजेरेटर भी हो जाते हैं फेल

इंसान ने समय के साथ जरुरत के हिसाब से खुद को ढाल लिया. जैसा माहौल होता है, उसी के अनुसार सुविधायें बना ली जाती है. अगर बरसात ज्यादा पड़ी तो रेनकोट का आविष्कार कर लिया गया. अगर ज्यादा गर्मी हुई तो पहले हाथ से झलने वाला पंखा बना, फिर बिजली वाला पंखा, फिर कूलर और अब एसी. यानी जैसी जरुरत होती है, उस हिसाब से सुविधाओं का इंतजाम इंसान कर लेता है. गर्मियों में अक्सर खाने-पीने की चीजें जल्दी खराब हो जाती है. इसके लिए फ्रिज का अविष्कार किया गया.

शहरों के तो अब कई तरह के फ्रिज देखने को मिलने लगे हैं. पहले सिंगल डोर फ्रिज आते थे. अब तो डबल और ट्रिपल डोर भी आने लगे हैं. कुछ फ्रिज तो अब इंस्टेंट दही भी जमाने का दावा करते हैं. ये तो हो गई शहर की बात लेकिन क्या आपको ये पता है कि पहाड़ों पर कैसे फ्रिज होते हैं? अक्सर देखने को मिलता है कि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बिजली नहीं होती. ऐसे में इन जगहों पर फ्रिज कैसे काम करता है? और क्या इन जगहों पर फ्रिज होता भी है?

ऐसे दिखते हैं पहाड़ी फ्रिज
सोशल मीडिया पर एक युवक ने पहाड़ी फ्रिज की झलक लोगों को दिखाई. कई लोगों को ऐसा लगता है कि पहाड़ों पर रहने वाले लोगों के पास फ्रिज नहीं होता. जबकि असलियत ये है कि इनके पास तब से फ्रिज है, जब आज के आधुनिक फ्रिज का निर्माण नहीं हुआ था. उस दौर से इन फ्रिजों में दूध और दही रखा जाता था. शख्स ने एक मिट्टी के घर के किचन में बने इस फ्रिज की झलक लोगों को दिखाई. पहाड़ों पर आज भी लोग इसमें दूध-दही रखकर लंबे समय तक उनका उपयोग करते हैं.

मिट्टी से होती है लिपाई
ये फ्रिज घर के अंदर के कमरे में थोड़ा स्पेस देकर उसी में बनाए जाते हैं. अक्सर इन्हें घर के किचन में बनाया जाता है. इसके अंदर मिट्टी की लिपाई की जाती है ताकि तापमान कम हो. इनमें दूध-दही सहित वैसी चीजें रखी जाती है जो जल्दी खराब हो सकती है. पहाड़ी लोग इनमें रखी चीजों का लंबे समय तक सेवन कर पाते हैं. सोशल मीडिया पर ये पहाड़ी फ्रिज तेजी से वायरल हो रहा है. लोग हैरान होने के साथ ही साथ भारत के लोगों को सैल्यूट भी करते नजर आए जो इतने जमाने पहले ही फ्रिज का कॉन्सेप्ट यूज कर रहे हैं.

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