हरियाणा न्यूज़:डॉक्टरों की हड़ताल से 19 जिलों में जांच हुई न ऑपरेशन!

विशेषज्ञ डॉक्टरों के लिए स्पेशल कैडर बनाने समेत अन्य मांगों को लेकर बुधवार को अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र जिलों को छोड़कर प्रदेश के शेष 19 जिलों में सरकारी चिकित्सकों की हड़ताल का असर रहा। डॉक्टरों ने ओपीडी में मरीजों की जांच नहीं की। कई जिलों में मरीजों के ऑपरेशन तक टाल दिए गए और पुराने मरीजों को डॉक्टर के हस्ताक्षर के बिना दवा तक नहीं मिल सकी। 

डॉक्टरों की हड़ताल से जहां स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गईं, वहीं हजारों मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ी। हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज (एचसीएमएस) एसोसिएशन का दावा है कि हड़ताल सफल रही, जबकि स्वास्थ्य मंत्री अनिल का कहना है कि हड़ताल फेल रही और सामान्य रूप से अस्पताल चले।

स्वास्थ्य मंत्री के जिले अंबाला में चिकित्सकों की हड़ताल का असर नहीं दिखा। अंबाला सिटी व छावनी के नागरिक अस्पताल में डॉक्टर रोजाना की तरह ओपीडी में मरीजों का इलाज करते नजर आए। इसी प्रकार यमुनानगर में जिलेभर के 90 चिकित्सक हड़ताल पर रहे, मगर हड़ताल का खास असर नहीं दिखा, क्योंकि ओपीडी को जारी रखने के लिए एनएचएम और एनसीडी स्टाफ को लगाया गया था। यहां कुल 1069 मरीजों की ओपीडी हुई। हालांकि, इस दौरान कोई ऑपरेशन नहीं हुआ। कुरुक्षेत्र में भी ओपीडी जारी रही।

इनके अलावा, गुरुग्राम, फरीदाबाद, सिरसा, हिसार, भिवानी, कैथल, करनाल, फतेहाबाद, चरखी दादरी, पानीपत, रेवाड़ी, रोहतक और सोनीपत में हड़ताल का पूरा असर दिखा। इन जिलों में सौ से अधिक ऑपरेशन टाल दिए गए। हड़ताल के दौरान स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. आरएस पूनिया ने सभी सीएमओ की वीसी के माध्यम से बैठक ली और फीडबैक लिया। वहीं, एचसीएमएस ने भी राज्यस्तरीय बैठक कर आगामी तैयारियों को लेकर रणनीति बनाई।

सरकारी दावा : 26.86 प्रतिशत डॉक्टर ही हड़ताल पर रहे

स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि राज्य में केवल 26.86 फीसदी डॉक्टर ही हड़ताल में शामिल हुए। विभाग के अनुसार राज्य में कुल मेडिकल आफिसर और सीनियर मेडिकल आफिसर के 3466 पद हैं। इनमें से केवल 931 डॉक्टर हडताल पर रहे। भिवानी में 44, चरखी दादरी में 25, फतेहाबाद में 17, फरीदाबाद में 20, गुरुग्राम में 90, हिसार में 77, जींद में 37, झज्जर में 70, कैथल में 29, कुरुक्षेत्र में 8, करनाल में 59, महेंद्रगढ़ में 56, मेवात में 23, पलवल में 76, पंचकूला में 77, पानीपत में 22, रेवाड़ी में 85, रोहतक में 44, सोनीपत में 37, सिरसा में 10 और यमुनानगर में 25 डॉक्टर हड़ताल पर रहे। वहीं, एसोसिएशन का दावा है कि विभाग ने यह डाटा डॉक्टरों की बायोमीट्रिक हाजिरी से उठाया है। ये डॉक्टरों की कलम छोड़ हड़ताल थी। साथ ही विभाग ने ओपीडी का डाटा साझा नहीं किया है।

अंबाला को छोड़कर हड़ताल पूरी तरह से सफल रही। अभी तक सरकार से बैठक का बुलावा नहीं मिला है। इसलिए शुक्रवार से पूर्ण और अनिशिचतकालीन हड़ताल की तैयारी कर रहे हैं। इसमें ओपीडी के साथ-साथ आपात सेवाओं को भी बंद किया जाएगा। डॉक्टर आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी, आंदोलन जारी रहेगा।

विशेषज्ञ कैडर की मंजूरी मिल चुकी है। पीजी पॉलिसी को लेकर एसीएस ने अपनी स्वीकृति दे दी है। आगे की प्रक्रिया जारी है। एसएमओ की सीधी भर्ती और एसीपी को लेकर प्रक्रिया चल रही है। बुधवार को डॉक्टरों को बातचीत के लिए बुलाया था, परंतु डॉक्टरों का प्रतिनिधिमंडल बातचीत के लिए नहीं आया। देश में कोविड बढ़ रहा है, इसलिए डॉक्टरों को हड़ताल नहीं करनी चाहिए। 

नर्सिंग कर्मचारियों ने स्थगित की हड़ताल, 15 दिन का अल्टीमेटम

नर्सिंग कर्मचारियों ने गुरुवार को दो घंटे की हड़ताल स्थगित कर दी है। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. आरएस पूनिया के आश्वासन के बाद दोनों नर्सिंग एसोसिएशन ने यह फैसला लिया है। नर्सिंग वेलफेयर एसोसिएशन की राज्य प्रधान विनीता बांगड़ और ऑल नर्सिंग आफिसर वेलफेयर एसोसिएशन की प्रधान निर्मला ढांडा ने सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है। अगर इस अवधि में उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो नर्सिंग कर्मचारी भी हड़ताल करेंगे। नर्सिंग कर्मचारी 7200 नर्सिंग अलाउंस और ग्रुप सी से ग्रुप बी में शामिल करने की मांग कर रहे हैं।

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