हरियाणा: शहर में कोचिंग सैंटरों ने युवाओं को पक्की नौकरी दिलवाने के लगाए होर्डिंग्स
बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी और अच्छे नंबर दिलाने का दावा करने वाले कोचिंग सेंटरों पर जिला प्रशासन शिकंजा कसने जा रहा है। इसमें शहर के अंबाला रोड, ढांड रोड और करनाल रोड सहित बाजार व रिहायशी इलाकों में 50 से अधिक कोचिंग सेंटर शामिल हैं। जिनके बाहर इनके संचालकों द्वारा बड़े-बड़े होर्डिंग लगवाए गए हैं। इनमें युवाओं को सरकारी नौकरी लगवाने और विभिन्न कोर्सों में 100% सिलेक्शन करवाने व अच्छे नंबर दिलाने का दावा किया गया है। इनके लुभावने दावों के कारण ही ग्रामीण क्षेत्र से हर रोज हजारों की संख्या में युवा इनमें कोचिंग लेने आते हैं। जबकि सरकार के आदेश अनुसार कोई भी कोचिंग सेंटर संचालक तरह का प्रचार-प्रसार नहीं कर सकता।
वहीं अब कोचिंग सेंटरों की मनमानी रोकने के लिए जिला प्रशासन भी हरकत में आया है। जिसको लेकर कैथल एस.डी.एम कपिल शर्मा ने अगले सप्ताह तक शहर के तमाम कोचिंग सेंटरों का डाटा एकत्रित कर इनकी जांच करने की बात कही है। इनमें नियमों की अवहेलना करने वाले संचालकों के खिलाफ प्रशासन द्वारा ठोस कार्रवाई भी की जाएगी। अब तक ये बिना किसी रोक टोक के अपनी मनमर्जी से चल रहे थे। इनमें अग्नि सुरक्षा, भवन सुरक्षा अन्य मानदंडों की पालना नहीं की जा रही थी। जिला प्रशासन द्वारा की गई सख्ताई से शहर के दर्जनों कोचिंग सेंटरों पर गाज गिरनी तय है।
प्राइवेट कोचिंग संस्थानों के लिए जारी की गई गाइडलाइन
बता दें कि हाल ही में केंद्र सरकार ने देश के सभी प्राइवेट कोचिंग और संस्थानों के लिए गाइडलाइन जारी की थी। जिसमें कोचिंग सेंटरों की डिस्ट्रिक्ट अथॉरिटी के पास रजिस्ट्रेशन करवाने की बात कही गई है।इसके अलावा इसमें 16 साल से कम के बच्चों का एनरोलमेंट करने पर प्रतिबंध लगाया गया है। कोचिंग के दौरान स्टूडेंट्स में बढ़ रहे तनाव के देखते हुए उनकी साइकोलॉजी और मेंटल हेल्थ का ध्यान रखने की भी जिम्मेवारी संचालक की ही बनती है, साथ ही कोचिंग सेंटर में अग्नि सुरक्षा, भवन सुरक्षा के मानदंडों के नियमों की पालना करना भी जरूरी है। नियमों में यह भी कहा गया है कि जब तक किसी कैंडिडेट से सहमति नहीं ली जाती तब तक उसका फोटो, वीडियो, नाम या फिर ब्यौरा विज्ञापन में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। कोचिंग संस्थान को बिना स्टूडेंट से सहमति लिए उसकी रैंक, मार्क्स के बारे में भी बताना सही नहीं है।
जिले के किसी भी कोचिंग सेंटर के पास नही है फायर एन.ओ.सी
शहर में 50 से अधिक कोचिंग सेंटर चल रहे हैं। इनमे से किसी के पास फायर एन.ओ.सी नहीं है। कई कोचिंग सेंटर तो शहर की आबादी के बीच काफी तंग गलियों में हैं। जिनके आगे हर समय अतिक्रमण रहता है। ऐसे में यदि वहां आग लग जाए तो दमकल विभाग की गाड़ी तंग गलियों में नहीं पहुंच सकती। शहर में काफी कोचिंग सेंटर और शिक्षण संस्थान बिना नक्शा पास के ही चल रहे हैं। जिनको किसी भी प्रशासनिक कार्रवाई का डर नहीं है।
कैथल एस.डी.एम कपिल शर्मा ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में आ गया है। वह अगले हफ्ते ही शहर के तमाम कोचिंग सेंटरों का रिकॉर्ड मंगवाएंगे। जो कोचिंग सेंटर सरकार द्वारा जारी की गई हिदायतों की पालना नहीं करता मिला। तो उसके खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।