हरियाणा में 51 हजार लोगों को झटका, इस जिले में 708 सस्ते फ्लैट के आवंटन पर रोक…
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हरियाणा सरकार ने सोहना में 708 सस्ते फ्लैट्स के आवंटन पर रोक लगा दी है। सरकार की ओर से इस मामले में नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग ने आदेश जारी कर दिए गए हैं। बता दें कि मंगलवार को सरकार की परियोजना के तहत फ्लैट्स का आवंटन रोक दिया गया, क्योंकि इन फ्लैट्स के लाभार्थी एक ही शहर से थे। बताया जा रहा है कि जांच में सामने आया है कि सभी लाभार्थियों का एड्रेस सोहना का है या फिर उन्होंने अपना एड्रेस सोहना ही लिखवाया हुआ है। अब इसके लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं कि ये सभी लाभार्थी एक ही शहर के कैसे हो सकते हैं।
बता दें कि किफायती आवास परियोजनाओं में प्लाटों का आवंटन ऑनलाइन पोर्टल के जरिये किया जाता है। जानकारी के मुताबिक, इन फ्लैट्स के लिए 51 हजार लोगों ने आवेदन किया था। लेकिन इनमें से जिन लाभार्थियों को शॉर्टलिस्ट किया गया, वे सभी सोहना के ही पाए गए हैं। ऐसे में नगर एवं ग्राम आयोजना निदेशक अमित खत्री ने मंगलवार को एक आदेश जारी कर फ्लैट का आवंटन रोक दिया।
इस मामले को लेकर मुख्य नगर योजनाकार को निर्देश दिया गया है कि उन्हें 10 दिनों में रिपोर्ट इसकी रिपोर्ट सौंपनी होगी। हरियाणा सरकार की ओर से साल 2016 में प्रदेश में किफायती आवास नीति के तहत इस योजना की शुरुआत की गई थी। बता दें कि इस समय गुरुग्राम में निर्धारित किफायती फ्लैटों की वर्तमान दर 5 हजार प्रति वर्ग फुट है।
18 फरवरी को सरकार की ओर से जारी आदेश में बताया गया कि इस नीति के तहत फ्लैट्स के आवंटन के लिए ई-ड्रॉ पोर्टल पर ऑनलाइन ड्रॉ निकाला गया था। पिछले महीने 27 जनवरी को सेक्टर 36, सोहना में 708 फ्लैट्स के लिए 51,586 शॉर्टलिस्टेड आवेदकों के लिए ई-ड्रॉ का आयोजन किया गया था। आदेश में बताया गया कि इन फ्लैट्स के आवंटन के लिए सभी लाभार्थी सोहना शहर से ही पाए गए। विभाग की ओर से साफ तौर पर कहा गया कि सरकार की नीतियों में ड्रॉ के उद्देश्य से किसी एक विशेष शहर को प्राथमिकता नहीं दी जाएगी।
इस मामले पर बात करते हुए गुरुग्राम की वरिष्ठ नगर योजनाकार रेनूका सिंह ने बताया कि उनके कार्यालय ने सबसे पहले इन गलतियों को पकड़ा और फैसला लिया कि इसके लिए जांच करवाई जाए। इसके चलते ड्रॉ के रिजल्ट को रोक दिया गया है और मामले की जांच के लिए एक समिति बनाई गई है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा और दिल्ली के निवासियों ने अपना एड्रेस सोहना बताया था और उन्हें सफल भी घोषित कर दिया गया। यह गड़बड़ी तकनीकी में कोई खराबी होने से भी सकती है। फिलहाल मामले की जांच शुरू कर दी गई है, जिसकी रिपोर्ट 10 दिनों में सरकार को सौंप दी जाएगी।