Harshit Rana और मिचेल स्टार्क की लड़ाई के पीछे दो दिग्गज भारतीयों का था हाथ

भारतीय तेज गेंदबाज हर्षित राणा ने हाल ही में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 के दौरान ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क के साथ हुई हल्की-फुल्की बहस के बारे में बताया। यह घटना पर्थ में पहले टेस्ट मैच के दौरान हुई, जहां राणा ने स्टार्क को बाउंसर फेंकी, जिस पर ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज ने उन्हें स्लेज करते हुए कहा, “मैं तुमसे तेज गेंद फेंकता हूं।”
पॉडकस्ट में पूरा किस्सा सुनाया
रणवीर अल्लाहबादिया के पॉडकास्ट पर हर्षित राणा ने पूरा किस्सा सुनाया और बताया कि कैसे सीनियर खिलाड़ी विराट कोहली और केएल राहुल ने उन्हें आक्रामक रहने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने यह भी बताया कि जैसे-जैसे सीरीज आगे बढ़ी, स्टार्क का रिएक्शन कैसा था।
हर्षित राणा ने कहा, “मैं मिचेल स्टार्क को गेंदबाजी कर रहा था और काफी समय बाद, मैंने उन्हें बाउंसर फेंकी। मैंने उन्हें दो बाउंसर फेंकी और एक उनके हेलमेट पर भी लगी। उन्होंने कुछ प्रतिक्रिया दी, लेकिन मैं मन ही मन हंस पड़ा। अपने मार्क पर वापस जाते हुए मुझे लगा कि अब मैं मुश्किल में हूं और वह जरूर बाउंसर से इसका बदला लेंगे।”
हेलमेट पर गेंद मारी थी
राणा ने बताया, “मैं गेंदबाजी करता रहा और विराट और केएल मुझे पीछे से लगातार आक्रामक रहने के लिए प्रोत्साहित करते रहे। मेरे मन में चिंता थी। मुझे लगा कि वे इसे संभाल लेंगे, लेकिन इसकी कीमत मुझे ही चुकानी पड़ेगी। आखिरकार दूसरे टेस्ट के दौरान उन्होंने मेरे हेलमेट पर गेंद मारी।”
स्टार्क से दोस्ती भी है
हर्षित राणा ने स्टार्क के साथ अपनी दोस्ती के बारे में भी बताया। आईपीएल 2024 में दोनों ही तेज गेंदबाज कोलकाता नाइट राइडर्स का हिस्सा थे। राणा ने कहा, “उनके साथ भाईचारे का भाव है। हमने आईपीएल के दौरान साथ में खूब ट्रेनिंग की। वह मुझे अपने साथ दौड़ने के लिए मजबूर करते थे। वह एक एथलीट हैं। मेरे पास एक वीडियो भी है जिसमें मैं जमीन पर लेटा हुआ हूं और वह मुझे अपने साथ दौड़ने के लिए ऊपर खींचते हैं। वह काफी विनम्र हैं।”
स्टार्क की तारीफ भी की
भारतीय तेज गेंदबाज ने बताया, स्टार्क हमेशा प्रैक्टिस पर फोकस करते हैं। वह कभी भी बेवजह की बातें नहीं करते। वह एक महान तेज गेंदबाज़ हैं। मैंने उनके बारे में एक बात नोटिस की है कि वह हमेशा टीम मीटिंग में एक नोटबुक लेकर आते थे। वह चीजें लिखते थे, खास बल्लेबाजों को कैसे गेंदबाजी करनी है, इस पर नोट्स बनाते थे और फिर मैदान पर जाकर उन योजनाओं को अमल में लाते थे। वह बेहद विनम्र और जमीन से जुड़े हुए हैं।”