हर-हर महादेव के साथ तमिलनाडु से आए अधीनम का किया भव्य स्वागत

एअरपोर्ट से विश्वनाथ धाम तक भाजपा के मंत्रियों ने बरसाएं फूल
स्वागत से अभिभूत तमिलनाडु के धर्मगुरु गदगद नजर आएं
अतिसुंदर कॉरिडोर के लिए पीएम मोदी की जमकर प्रशंसा की

सुरेश गांधी

वाराणसी : काशी-तमिल संगमम में भाग लेने के लिए तमिलनाडु के धर्मगुरुओं आदिनम का पहला जत्था वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री हवाई अड्डे पर पहुंचा, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। इसके बाद उन्हें काशी विश्वनाथ धाम दर्शन करने के लिए ले जाया गया। रास्ते भर भाजना के मंत्रियों ने हर हर महादेव के साथ न सिर्फ उन पर फूल बरसाएं बल्कि नौ रत्नों की भांति नौ शैव मठाधीशों का परम्पराओं के अनुरूप दिव्य-भव्य स्वागत किया। स्वागत से अभिभूत तमिलनाडु के धर्मगुरु गदगद हो उठे। काशी आने के उपरांत सभी शैव मठाधीश सबसे पहले काशी विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचे। सायंकाल मंदिर पहुंचने वालों धरूमापुरम शैव मठाधीश, सुरियानार शैव मठाधीश, वेलंकुरिची शैव मठाधीश, सेनकोल शैव मठाधीश, बोम्मापुरम शैव मठाधीश, थुलावुर शैव मठाधीश, कामाक्षीपुरी शैव मठाधीश, डिंडीगुल शिवापुरम शैव मठाधीश एवं पल्लादम सेनजेरी शैव मठाधीश का स्वागत केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने किया।

शैव मठाधीशों के आगमन पर नव्य-भव्य विश्वनाथ कॉरिडोर डमरुओं की डिम-डिम संग ’हर-हर महादेव“ के उदघोष से गूंज उठा। सभी बाबा काशी विश्वनाथ के दिव्य ज्योर्तिलिंग का दर्शन-पूजन किए। साथ ही सभी शैव मठाधीश काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को देखा और इसकी अद्भुत बनावट व सुंदरता पर मुग्ध हो गए। इस दौरान उन्होंने अतिसुंदर कॉरिडोर के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की मुक्तकंठ से प्रशंसा की। कहा, काशी तमिल संगमम के पुण्य योग के कारण ही काशी नगरी आने का अवसर प्राप्त हुआ। मां गंगा के तट पर बसी भगवान शंकर की यह नगरी अद्भुत है। इसे जितना समझिए, जितना जानिए, उतनी ही उत्सुकता बढ़ जाती है। धर्मपुरम शैव मठाधीश के गुरु जी ने कहा कि छठवीं शताब्दी में उनके मठ के प्रतिनिधि काशी आए थे। धर्मपुरम अधिनम मठ और काशी का गहरा संबंध रहा है।

तमिलनाडु के छात्रों से संवाद व अधीनम को सम्मानित करेंगे मोदी
देश की धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी काशी में एक महीने तक आयोजित होने वाला काशी तमिल संगमम का शुभारंभ शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। बीएचयू के एंफीथियेटर मैदान में आयोजित भव्य समारोह को संबोधित करेंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री तमिलनाडु के प्रमुख मठ मंदिरों के अधीनम (महंत) को सम्मानित करेंगे। साथ ही, तमिल प्रतिनिधिमंडल में शामिल छात्रों से संवाद भी करेंगे। इस दौरान तमिल भाषा में लिखी गई धार्मिक पुस्तक तिरुक्कुरल व काशी-तमिल संस्कृति पर लिखी गईं किताबों का प्रधानमंत्री के हाथों विमोचन भी होगा। काशी से तमिलनाडु के वर्षों पुराने संबंध को मजबूत करने के लिए शिक्षा मंत्रालय की ओर से आयोजित काशी तमिल संगमम का शुभारंभ करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी दोपहर दो बजे बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगे। यहां से हेलीकॉप्टर से बीएचयू हेलीपैड तक जाएंगे। समारोह में प्रधानमंत्री काशी से तमिलनाडु के अटूट रिश्तों पर आयोजित प्रदर्शनी व मेले का भी शुभारंभ करेंगे। इस दौरान तमिलनाडु सहित अन्य प्रदेशों से आए करीब 12 हजार से ज्यादा अतिथियों व काशीवासियों को संबोधित करेंगे। महामना की बगिया में आयोजित भव्य समारोह में पीएम मोदी भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग काशी विश्वनाथ और रामेश्वरम के एकाकार पर अधीनम से संवाद भी करेंगे।

तमिलनाडु के शिल्पियों ने लगाए स्टॉल
बीएचयू के एंफीथिएटर में हथकरघा व हस्तशिल्प के 10-10 स्टॉल लगाए गए हैं। तमिलनाडु से आए शिल्पियों ने थीम पवेलियन में अपने उत्पाद सजाए हैं। इसमें हथकरघा की 17 समितियों के स्टॉल लगे हैं। इसके अलावा अन्य उत्पादों की भी प्रदर्शनी लगाई गई है।

जब तमिलों ने कहा- हमें भी चाहिए योगी जैसा सीएम
हमारे प्रदेश को भी योगी आदित्यनाथ जैसा मुख्यमंत्री चाहिए जो धार्मिक विकास के साथ प्रदेश का चौतरफा विकास कर सके। यह कथन तमिलनाडु से काशी आए अधिकांश श्रद्धालुओं के हैं। काशी तमिल संगमम के उद्घाटन से पहले ही तमिल श्रद्धालुओं के आगमन का सिलसिला तेज हो गया है। तमिलनाडु से आईं अन्नपूर्णीनी ने बताया कि शिव जी की नगरी की आध्यात्मिकता और धार्मिकता के चलते हम लोग हजारों किलोमीटर दूर से बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए आते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काशी को बहुत अच्छा बना दिया है। कहा कि हम लोग काशी विश्वनाथ से प्रार्थना किए हैं कि जैसा मुख्यमंत्री आप लोगों को मिला है वैसा ही तमिलनाडु को मिलना चाहिए। काशी में रहने वाले तमिलनाडु के चंद्रशेखर द्रविण ने बताया कि जब से मोदी वाराणसी के सांसद और योगी उत्तर प्रदेश के सीएम हुए हैं, नई काशी की ख्याति पूरे विश्व में फैलने लगी है। योगी जैसा मुख्यमंत्री मिलना उत्तर प्रदेश के लिए गर्व की बात है। वो धर्म के संरक्षण के साथ ही विकास के काम भी बेहतरीन ढंग से अंजाम दे रहे हैं। आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के लोग चाहते हैं की योगी आदित्यनाथ जैसा मुख्यमंत्री उनके प्रदेश में भी हो।

भारत नाट्यम व लोक नृत्य की होंगी प्रस्तुतियां
काशी का हैंडलूम होगा व तमिलनाडु के व्यंजनों का भी स्टाल सजाया गया है। साथ ही पुस्तक प्रदर्शनी भी लगाई गई है जहां तमिल क्लासिकल किताबें हिंदी भाषा में मिलेंगी। ब्रांड अंबेस्डर बन कर तमिलनाडु लौटेंगे जहां वे काशी के साथ ही पूरी यूपी की ब्रांडिंग करेंगे। जिलाधिकारी एस राजलिंगम के अनुसार आइआइटी मद्रास से 210 मेधावी छात्र-छात्राएं यहां आ रहे हैं। इनसे प्रधानमंत्री संवाद करेंगे। पीएम तमिलनाडु के शास्त्रीय नृत्य भारतनाट्यम व लोक नृत्य की प्रस्तुतियां और 75 स्टालों पर प्रदर्शनी देखेंगे। बताया जा रहा है कि रामेश्वरम से 35, तिरुच्चिरापल्ली से 103 व चेन्नई एगमोर स्टेशन से 78 सदस्य ट्रेन से चले हैं।

तमिलनाडु के व्यजंनों के भी लगेंगे स्टाल
काशी का हैंडलूम होगा व तमिलनाडु के व्यंजनों का भी स्टाल सजाया गया है। साथ ही पुस्तक प्रदर्शनी भी लगाई गई है, जहां तमिल क्लासिकल किताबें हिंदी भाषा में मिलेंगी। यहां व्यंजनों में साउथ इंडिया के टेस्ट वाला इडली-डोसा, सांभर, उत्तपम खास होगा। इसे अलावा कुंगनाड़ कुसिन, चेत्तीनाद कुसिन, पोरियल (कई तरह की सब्जियों से बना व्यंजन), मोर कुलम्बु (नारियल के साथ दही व मसाले), पुली कुलम्बु, मुरुक्कू, लेमन राइस, नेई पायसम, पोरियाल पोंगल समेत सैकड़ों तरह के व्यंजन लोगों को खाने को मिलेंगे।

सजेंगे तमिलनाडु के 38 ओडीओपी उत्पाद
बीएचयू के एंफीथिएटर में हथकरघा व हस्तशिल्प के 10-10 स्टाल लगाए गए हैं। तमिलनाडु से आए शिल्पियों ने थीम पवेलियन में अपने उत्पाद सजाए हैं। हस्तशिल्प में प्राकृतिक फूलों का हार, केला फाइबर, कला धातु, लकड़ी के बर्तन, लेक्यूवेयर, टेराकोटा, हाथों से बने कपड़े का स्कार्फ, वुडकार्विंग व गुड़िया और खिलौना शामिल हैं। हथकरघा की 17 समितियों के स्टाल लगे हैं। तमिलनाडु के 38 ओडीओपी उत्पादों की भी प्रदर्शनी लगेगी। इसमें कांचीवरम की रेशमी साड़ियां, अरियल्लूर का प्रासेस्ड काजू, कोयंबटूर के मोटर पंप, कन्याकुमारी के काजू नट्स, पेरंब्लूर का मक्का, मदुरई के रेडीमेड गारमेंट्स आदि उत्पादों की प्रदर्शनी होगी। यहां आने वाले सदस्य बड़ा लालपुर स्थित पंडित दीनदयाल हस्तकला संकुल का भी दौरा कर बनारसी साड़ी, हस्त निर्मित खिलौने, बीड्स व काशी की गुलाबी मीनाकारी देखेंगे।

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