हनुमान जी की पूजा से कटेंगे सारे कष्ट, मंगलवार के दिन करें ये काम
मंगलवार का दिन राम भक्त हनुमान जी की पूजा के लिए बहुत उत्तम माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो साधक उनकी पूजा करते हैं उन्हें पवन पुत्र का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसलिए मंगलवार के दिन बजरंगबली की पूजा श्रद्धापूर्वक करें और उनके 108 नामों (Lord Hanuman Puja) का जाप करें जो यहां पर दिए गए हैं।
सनातन धर्म में भगवान हनुमान की पूजा बहुत ही महत्वपूर्ण और लाभकारी मानी जाती है, क्योंकि उन्हें कलयुग का देवता माना गया है। मंगलवार का दिन पवन पुत्र हनुमान जी को समर्पित है। कहते हैं कि इस दिन का उपवास रखने से सभी संकटों का नाश होता है। ऐसे में सुबह उठकर स्नान करें। इसके बाद हनुमान जी के सामने चमेली के तेल का दीपक जलाएं।
फिर उन्हें फल, मिठाई, फूल आदि चीजें अर्पित करें। साथ ही उनके 108 नामों (Lord Hanuman Puja) का जाप श्रद्धा के साथ करें। आरती के साथ पूजा का समापन करें। फिर गरीबों में क्षमता अनुसार दान करें। ऐसा करने से सभी बाधाओं का नाश होगा।
मंगलवार के नियम
इस दिन भगवान हनुमान का दर्शन करने के लिए आस-पास किसी भी मंदिर जाएं।
हनुमान जी को तुलसी की माला, लाल चोला और लड्डू अर्पित करें।
भगवान राम की विधिवत पूजा करें।
तामसिक चीजों से दूरी बनाएं।
इस दिन सुंदर कांड का पाठ और भगवान हनुमान के 108 नामों का जाप करें।
।।हनुमान जी के 108 नाम।।
ॐ अक्षघ्नाय नमः
ॐ रामदूताय नमः
ॐ शाकिनीजीवहारकाय नमः
ॐ बुबुकारहतारातये नमः
ॐ गर्वपर्वतप्रमर्दनाय नमः
ॐ हेतवे नमः
ॐ अहेतवे नमः
ॐ प्रांशवे नमः
ॐ विश्वभर्त्रे नमः
ॐ जगद्गुरवे नमः
ॐ जगन्नेत्रे नमः
ॐ जगन्नाथाय नमः
ॐ जगदीशाय नमः
ॐ जनेश्वराय नमः
ॐ जगद्धिताय नमः
ॐ हरये नमः
ॐ श्रीशाय नमः
ॐ गरुडस्मयभञ्जनाय नमः
ॐ पार्थध्वजाय नमः
ॐ वायुपुत्राय नमः
ॐ अमितपुच्छाय नमः
ॐ अमितविक्रमाय नमः
ॐ ब्रह्मपुच्छाय नमः
ॐ परब्रह्मपुच्छाय नमः
ॐ रामेष्टकारकाय नमः
ॐ सुग्रीवादियुताय नमः
ॐ ज्ञानिने नमः
ॐ वानराय नमः
ॐ वानरेश्वराय नमः
ॐ कल्पस्थायिने नमः
ॐ चिरञ्जीविने नमः
ॐ तपनाय नमः
ॐ सदाशिवाय नमः
ॐ सन्नतये नमः
ॐ सद्गतये नमः
ॐ भुक्तिमुक्तिदाय नमः
ॐ कीर्तिदायकाय नमः
ॐ कीर्तये नमः
ॐ कीर्तिप्रदाय नमः
ॐ समुद्राय नमः
ॐ श्रीप्रदाय नमः
ॐ शिवाय नमः
ॐ भक्तोदयाय नमः
ॐ भक्तगम्याय नमः
ॐ भक्तभाग्यप्रदायकाय नमः
ॐ उदधिक्रमणाय नमः
ॐ देवाय नमः
ॐ संसारभयनाशनाय नमः
ॐ वार्धिबन्धनकृते नमः
ॐ विश्वजेत्रे नमः
ॐ विश्वप्रतिष्ठिताय नमः
ॐ लङ्कारये नमः
ॐ कालपुरुषाय नमः
ॐ लङ्केशगृहभञ्जनाय नमः
ॐ भूतावासाय नमः
ॐ वासुदेवाय नमः
ॐ वसवे नमः
ॐ त्रिभुवनेश्वराय नमः
ॐ श्रीरामरूपाय नमः
ॐ कृष्णाय नमः
ॐ लङ्काप्रासादभञ्जकाय नमः
ॐ कृष्णाय नमः
ॐ कृष्णस्तुताय नमः
ॐ शान्ताय नमः
ॐ शान्तिदाय नमः
ॐ विश्वपावनाय नमः
ॐ विश्वभोक्त्रे नमः
ॐ मारघ्नाय नमः
ॐ ब्रह्मचारिणे नमः
ॐ जितेन्द्रियाय नमः
ॐ ऊर्ध्वगाय नमः
ॐ लाङ्गुलिने नमः
ॐ मालिने नमः
ॐ लाङ्गूलाहतराक्षसाय नमः
ॐ समीरतनुजाय नमः
ॐ वीराय नमः
ॐ वीरताराय नमः
ॐ जयप्रदाय नमः
ॐ जगन्मङ्गलदाय नमः
ॐ पुण्याय नमः
ॐ पुण्यश्रवणकीर्तनाय नमः
ॐ पुण्यकीर्तये नमः
ॐ पुण्यगतये नमः
ॐ जगत्पावनापावनाय नमः
ॐ देवेशाय नमः
ॐ जितमाराय नमः
ॐ रामभक्तिविधायकाय नमः
ॐ ध्यात्रे नमः
ॐ ध्येयाय नमः
ॐ लयाय नमः
ॐ साक्षिणे नमः
ॐ चेतसे नमः
ॐ चैतन्यविग्रहाय नमः
ॐ ज्ञानदाय नमः
ॐ प्राणदाय नमः
ॐ प्राणाय नमः
ॐ जगत्प्राणाय नमः
ॐ समीरणाय नमः
ॐ विभीषणप्रियाय नमः
ॐ शूराय नमः
ॐ पिप्पलाश्रयसिद्धिदाय नमः
ॐ सिद्धाय नमः
ॐ सिद्धाश्रयाय नमः
ॐ कालाय नमः
ॐ महोक्षाय नमः
ॐ कालाजान्तकाय नमः
ॐ लङ्केशनिधनाय नमः
ॐ स्थायिने नमः