अयोध्या में 31 साल बाद हटे यातायात प्रतिबंध
रामनगरी अयोध्या में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए राहत की खबर है। दरअसल, यहां कदम-कदम पर जकड़ी यातायात प्रतिबंध की बेड़ियों को करीब 31 साल बाद हटा दिया गया है। टेढ़ी बाजार चौराहे से बैरियर हटा दिए गए है। यहां से राम जन्मभूमि पथ के पास श्रीराम अस्पताल तक चार पहिया वाहनों को प्रवेश को अब नहीं रोका जा रहा। पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा बंदिशों में कई तरह की ढील दी जा रही है। जिससे यहां आने वाले लोगों को काफी राहत मिली है।
सुरक्षा बंदिशों के कारण होती थी परेशानी
बता दें कि अयोध्या में प्रमुख पर्वों के अलावा वीकेंड यानी शनिवार और रविवार को श्रद्धालुओं की काफी भीड़ होती है। राम मंदिर में भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु रामलला के दर्शन करने पहुंचते है। लेकिन, यहां पर यातायात प्रतिबंध और कई सुरक्षा बंदिशों के कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। वहीं, रामनगरी में रहने वालों को तो सामान्य दिनों में भी सुरक्षा कारणों से तमाम झंझावतों का सामना करना पड़ता था। मगर अब उन्हें यह सब झेलना नहीं पड़ेगा। क्यों कि 31 साल बाद यातायात प्रतिबंध हटा दिया गया है।
प्रतिबंध हटने से मिली श्रद्धालुओं को राहत
यातायात प्रतिबंध कल यानी शनिवार से हटाया गया है। जिसके बाद यहां आने वाले श्रद्धालुओं को काफी राहत मिली है। सबसे ज्यादा राहत रामकोट के वासियों को मिली है। पहले टेढ़ी बाजार बैरियर व गोकुल भवन बैरियर पार कर वही वाहन जाते थे, जिन्हें विशेष अनुमति होती थी या फिर जिनके पास यलो जोन का पास हो। अब टेढ़ी बाजार से चार पहिया वाहन सीधे कटरा, अशर्फी भवन होते हुए राम पथ पर पहुंच सकते हैं। अब कंट्रोल रूम के मैसेज व यलो जोन पास की बाध्यता भी खत्म कर दी गई है। लेकिन, उनवल बैरियर से राम जन्मभूमि की ओर चार पहिया वाहनों का प्रवेश अभी भी प्रतिबंधित है। इधर वही वाहन जा सकेंगे, जिनको कंट्रोल रूम से जाने की अनुमति दी गई होगी।
जानिए क्यों बढ़ाए गए थे प्रतिबंध
6 दिसंबर 1992 की घटना के बाद रामकोट में प्रतिबंध बढ़ा दिए गए थे। इसके बाद 1993 में अयोध्या एक्ट बनाया गया, जिसके बाद प्रतिबंधों में और इजाफा हो गया। 5 जुलाई साल 2005 को राम जन्मभूमि पर हुए आतंकी हमले के बाद रामकोट को सुरक्षा प्रतिबंधों में जकड़ दिया गया। स्थानीय लोगों के लिए यलो जोन के पास बनाए गए। जिसकी वजह से यहां आने वाले श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को काफी परेशानी होती थी।
इस वजह से हटाए गए यातायात प्रतिबंध
माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा की हार होने के बाद शासन-प्रशासन की आंख खुली है। बीजेपी की हार के बाद अयोध्या वासियों को सोशल मीडिया पर कोसा भी जा रहा था। जिसके बाद यहां के साधु-संतों ने अपनी प्रतिक्रिया दी थी और कहा था कि अयोध्या में बेवजह के यातायात प्रतिबंध लगाए गए है। उन्होंने इन प्रतिबंधों को भाजपा की हार का कारण बताया था। जिसके बाद शासन-प्रशासन ने यहां से यातायात प्रतिबंध को हटा दिया है। वहीं, महंत अवधेश दास कहते हैं कि रणनीतियां बनाने में शासन व प्रशासन से चूक हो गई। जो काम अब प्रशासन कर रहा है, वहीं पहले कर दिए होते तो आज शर्मिंदा न होना पड़ता।