भारतीय परंपरा को अक्षुण्ण बनाए रखने में गुरुकलों का योगदान अहम: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय सभ्यता में ज्ञान, परम्परा को अक्षुण्ण बनाये रखने में सदैव गुरुकुलों एवं विश्वविद्यालय का योगदान रहा है। डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के 29वें दीक्षान्त समारोह को सम्बोधित करते हुए पटेल ने कहा कि भारतीय सभ्यता में ज्ञान, परम्परा को अक्षुण्ण बनाये रखने में सदैव गुरुकुलों एवं विश्वविद्यालयों का योगदान रहा है। समाज के निर्माण एवं संवर्धन में विश्वविद्यालयों ने सदैव अग्रणी भूमिका निभायी है। सांस्कृतिक ज्ञान एवं परम्परा के संरक्षक एवं विभिन्न कालों में नवीन परम्पराओं के संवाहक एवं नवोन्मेष शोध केन्द्र के रूप में यह समाज को सकारात्मक दिशा देने का कार्य कर रहे हैं।
कुलाधिपति ने कहा कि स्वर्ण पदक छात्र-छात्राओं से कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिदिन छात्राएं आगे बढ़ रही हैं। इनमें छात्राओं की संख्या काफी है। समाज के सर्वांगीण विकास एवं सशक्त बनाने में इनकी भूमिका बढ़ जाती है। भारत युवा देश है। हमारी 55 प्रतिशत से अधिक आबादी 30 वर्ष से कम उम्र की है। भारतवर्ष की अर्थव्यवस्था विश्व में पांचवें स्थान पर है। वर्ष 2030 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है। इसलिए हम सभी के पास स्वर्णिम अपार संभावनाएं हैं। भारत का समृद्ध गौरवशाली इतिहास सदैव गौरवान्वित करता रहता है।
समारोह में राज्यपाल ने कहा कि भारत एक समृद्ध विरासत का राष्ट्र है और इसका ध्वज वाहक आपको बनना है। लक्ष्यों की पूर्ति के लिए आगे कठिन परिश्रम करें। इससे युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। प्रदेश के विकास में अपनी भूमिका निभाने के लिये कार्य करें। अयोध्या अपनी पुरातन संस्कृति के साथ सज-धज रही है। रेलवे स्टेशनों का पुनरुद्धार किया गया। वंदे भारत ट्रेनो का संचालन किया जा रहा है। यहां पर पर्यटन होटल, धर्मनगरी के रूप में अयोध्या विकसित हो रही है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डा. अंजनी कुमार मिश्र, विधायक वेदप्रकाश गुप्ता, महापौर गिरीशपति त्रिपाठी, नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास, पंजाब सरकार के डिप्टी डायरेक्टर प्रेमभूषण गोयल, बहराइच जिले के सीडीओ मुकेश चन्द्र, वित्त अधिकारी पूर्णेंदु शुक्ला सहित महाविद्यालय के प्राचार्य व विद्यार्थी मौजूद रहे।