गोंडा: 59 हजार बच्चों का बिना यूनिफाॅर्म बीत गया आधा सत्र

जिले में परिषदीय और कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में पढ़ाई का आधा सत्र बीतने के बाद भी शत-प्रतिशत बच्चों को ड्रेस, जूता-मोजा और बैग नहीं मिल सका है। ऐसे में इन बच्चों को बिना स्कूल ड्रेस के ही विद्यालय आने पर मजबूर होना पड़ रहा है।

जिले परिषदीय व कस्तूरबा गांधी विद्यालय में 3.59 लाख बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। अप्रैल से शैक्षणिक सत्र प्रारंभ कर बच्चों को निपुण बनाने की कवायदें चल रही है। जुलाई में लगभग 2.88 लाख बच्चों के अभिभावकों के खाते में जूता-मोजा, ड्रेस व बैग के लिए भुगतान कर दिया गया। इन अभिभावकों के खाते में डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर (डीबीटी) माध्यम से परिषदीय विद्यालय के लिए 1,200 व कस्तूरबा गांधी के लिए 1,700 रुपये का भुगतान किया गया।

जिला समन्वयक प्रेमशंकर मिश्र ने बताया कि अब तक 3.32 लाख बच्चों के अभिभावकों के खाते में रकम भेजने के लिए जरूरी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। जल्द ही 44 हजार बच्चों के अभिभावकों के खाते में भुगतान किया जाएगा। वहीं 15 हजार बच्चों के पास आधार कार्ड नहीं है। ऐसे में उनके अभिभावकों के खाते में भुगतान की दिक्कतें आ रही है।
नहीं बन पा रहा आधार
अधिकारियों ने बताया कि जिले में न्याय पंचायत स्तर पर परिषदीय विद्यालयों के बच्चों का आधार कार्ड बनाने के लिए मशीनें लगाई गई है। इसके लिए निवास व जन्म प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है। तहसीलों को निवास प्रमाणपत्र जारी करने में लेटलतीफी से आधे सत्र तक शत-प्रतिशत आधार कार्ड नहीं बनाया जा सका है।

तरबगंज व बेलसर में अधिक बच्चे वंचित

जिले के नगरों व विकासखंडों को मिलाकर 19 शिक्षा क्षेत्रों में से बेलसर में 1,458 तो तरबगंज में 1,616 बच्चे आधार कार्ड से वंचित हैं। वहीं, नवाबगंज में 1,416, परसपुर में 1,440 और करनैलगंज में 1,110 बच्चे आधार नहीं बन पाया है। इसके अलावा जिले में अब तक 15,249 बच्चों के पास आधार कार्ड नहीं है।

आधार बनवाकर तत्काल लें लाभ अभिभावक
आधार कार्ड न होने के चलते डीबीटी का लाभ नहीं दिया जा सका है। न्याय पंचायत स्तर पर आधार कार्ड बनाने के लिए मशीनें लगाई गई हैं। हालांकि, आधार बनाने के लिए निवास व जन्म प्रमाणपत्र की आवश्यकता होती है। जिसके ना मिलने से आधार नहीं बन पा रहे हैं। अभिभावकों से आधार बनवाकर डीबीटी का लाभ लेने की अपील की है।

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